जलने वाले जला करें आओ मिलके मज़ा करें।
बनके दीपक बाती रौशन जीवन की शमां करें॥
रहकर अकेले जीवन सचमुच जिया नहीं जाए
आओ प्यार में रच बस एक दूजे को जवां करें।
आख़िर हम इंसान हैं गलती हो ही जाया करती
क्यों न छोड़ शिकवे गिले एक दूजे को क्षमा करें।
आज कमाकर आज गंवाया यह भी कोई जीना
बुरे समय के लिए भी जीवन में थोड़ा जमा करें।
कितना भी रोकिये ख़ुद को गुस्सा आ ही जाता
बेहतर होगा सुनने को भी कभी कभी थमा करें।
अकड़ में रहके सुखमय जीवन जिया नहीं जाए
मुहब्बत बढेगी आपस में एक दूजे को नमा करें।