ब्रमाण्ड में मुख़्य पांच तत्व होते हैं-
1- पृथ्वी 2- जल 3- वायु
4- अग्नि 5- आकाश
इन पाँचों तत्वों से ये त्रिगुण उत्पन्न होते हैं-
1- सतो गुण 2- रजो गुण 3- तमो गुण
इन त्रिगुणों से ये भाव उत्पन्न होते हैं -
1- काम 2- क्रोध 3- लोभ 4- मोह
5- अहंकार
इन भावों से ये नौ रस उत्पन्न होते हैं -
1- श्रृंगार 2- वीर 3- रौद्र 4- वीभत्स
5- अदुभुत 6- शांत 7- हास्य 8- भयंकर
9- करुण
इन नौ रसों से ये स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं -
1- सन्तुलन 2- असंतुलन
सन्तुलन से उत्पन्न होता है -
1- विकास
असंतुलन से उत्पन्न होता है-
2- विनाश
विकास के लिए किसी भी तरह से सन्तुलन बनाए रखें और किसी भी तरह के असंतुलन से विनाश होगा इस से बचें !
हर कोई संसार में हर किसी से भिन्न इसलिए होता है क्योंकि भिन्न-भिन्न अनुपात में ये शक्तियां लेकर आता है जिन्हें समयानुसर प्रकृति तय करती है। इन्हीं उपर्युक्त शक्तियों के साथ हर कोई भिन्न-भिन्न जीवन बिताने के लिए बाध्य होता है।
मेरे विचार से -
आत्मा नहीं होती है जिसे संसारी लोग आत्मा कहते हैं वह शरीर का प्रकटीकरण मात्र होता है।
-प्रेम फर्रुखाबादी
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