रविवार, 28 फ़रवरी 2010

देखके तुम को माना है मैंने, तुम हो बहुत हँसीन


देख के तुमको माना है मैंने,तुम हो बहुत हँसीन।
घूम के देखी सारी दुनिया, कोई भी तुम सा नहीं। 

झूठ नहीं हम कहते कहते हम दिल से दिल की 
बातें मेरी सब होत सच्ची कर लो मुझपे यकीं।

कितना चाहूँ तुम को मैं कहो कैसे तुम्हें बतलाऊँ
जाने है सारा आसमां और जाने यह सारी जमीं।

तुमने गर ठुकराया तो हो जायेगा जीना मुहाल
सच कहूँ तेरे सिवा मेरा कोई मेरा ठिकाना नहीं।

गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010

पाट बाबा की जय हो


जय हो,  जय हो, जय हो, पाटबाबा की जय हो
शरण में जो भी आये-2उसको न कोई भय हो।
जय हो,पाटबाबा की जय हो,जय हो। 

भक्तों की रक्षा करते हैं, प्यार उन्हें सच्चा करते हैं 
दुःख सारे ही हर लेते हैं,सुख सारे ही भर देते हैं 
बाबा की कृपा से भक्तो-2 जीवन यह सुखमय हो।
जय हो, पाटबाबा की जय हो, जय हो। 

बिगड़े काम बना देते हैं, उजड़े धाम बसा देते हैं 
जीने की राह दिखाते हैं, जीने की चाह जगाते हैं
मस्ती ही मस्ती के संग-2 जीवन सफ़र यह तय हो। 
जय हो, पाटबाबा की जय हो, जय हो। 

जीवन में शक्ति मिलती, जीवन में भक्ति मिलती
मुश्किल होती है आसान, खुदको मिलती है पहचान
भक्ति भावना के रस में-2 तन और मन एक लय हो।
जय हो, पाट बाबा की जय हो, जय हो।

बुधवार, 10 फ़रवरी 2010

याद में यार की चाह में प्यार की


याद में यार की चाह में प्यार की

यह मेरा दिल है, जो जल रहा है
दिल के सिवा जलता भी क्या है
इसके सिवा और होता भी क्या है
याद में यार की चाह में प्यार की
यह मेरा दिल है, जो जल रहा है ...

उसके ही ख्यालों में खोया रहूँ 
उसको ही ख्वाबों में देखा करूँ
चाहे सुबह हो या चाहे हो शाम
उसके ही दिलसे मैं सोचा करूँ
रहे हालत दिल की बेकरार सी
याद में यार की चाह में प्यार की
यह मेरा दिल है जो जल रहा है ...

धड़कन दिल की बढ़ जाती है
तबियत भी मेरी घबडाती है
चढ़ जाती है मस्ती सी मुझपे 
मस्ती में दिल को तडपाती है
तड़प के मैंने दिल से पुकार की 
याद में यार की चाह में प्यार की
यह मेरा दिल है जो जल रहा है ...

कोई बताये क्या मिलने का रास्ता
तुम सभी को अपने रब का वास्ता
समझ में मेरे कुछ भी आता नहीं है
देना जबाव कोई मेरी इस बात का
तुम सबको कसम परवरदिगार की
याद में यार की चाह में प्यार की
यह मेरा दिल है जो जल रहा है ...


शनिवार, 6 फ़रवरी 2010

चलो उन्हें सकून तो मिला, मुझे भुलाकर


चलो उन्हें सकून तो मिला, मुझे भुला कर।
चलो उनका दिल तो खिला,मुझे भुला कर॥

यही मेरी आरजू रही वो जहाँ रहें खुश रहें
चलो उनका दूर हुआ गिला,मुझे भुला कर।

जाने क्यों उन्होंने उदासी को ओढ़ रखा था
चलो उनका चेहरा तो खिला,मुझे भुला कर।

मुझे मेरी नहीं बस उनकी ही फ़िक्र थी सदा
चलो उनका अच्छा तो हुआ,मुझे भुला कर।

किसी के काम तो आ गयी ये जिंदगी मेरी
सदा उनका होता रहे भला,मुझे भुला कर।



गुरुवार, 4 फ़रवरी 2010

आज कल लोग दोस्ती कम दुश्मनी जादा निभाते हैं


आज कल दोस्ती कम लोग दुश्मनी जादा निभाते हैं।
जो होते नहीं अक्सर वही रूप दूसरों को दिखाते हैं॥

मजाल क्या कोई सहारा दे किसी को उठने के लिए
मौका मिलते ही  दूसरों को टांग खीच कर गिराते हैं।

बेमतलब कोई किसी को कभी नहीं पूछता है यारो
मतलब पड़े तो लोग दूसरों को खाना भी खिलाते है।

बस प्यार से ही जी जा सकती यहाँ जिन्दगी यारो
जो यह जानते वही जिन्दगी को प्यार से जी पाते हैं।

दिखावे से कभी दूर तक नहीं निभा करते हैं रिश्ते
रिश्ते  उनके ही निभते जो रिश्ते दिल से निभाते हैं।

अपने दिल की बात कभी किसी से न कहें मेरे यार
सम्मान उनको ही मिलता जो बात दिल में छुपाते हैं।

मात्रा के साथ जो रखें अपनी गुणवत्ता पे भी नजर
सामान उन्हीं के बजार में अच्छे दामों पर बिकाते हैं।

दिल से दिल मिल जाएँ किसी से ये जरूरी तो नहीं
आगे वही बढ़ते जाते हैं जो हाथों से हाथ मिलाते हैं।

जो बदतमीजी करते हुए नजर आते हमेशा गैरों से
दूसरों को मिटा के एक दिन वो खुदको ही मिटाते हैं।

बुधवार, 3 फ़रवरी 2010

मन लग जाये तो कोई काम कठिन नहीं


मन लग जाये तो कोई काम कठिन नहीं।
लगती फिर किसी भी काम में घिन नहीं॥ 

मेहनत करने वाले कभी वक्त नहीं देखते
उनके लिए रात-रात नहीं दिन-दिन नहीं।

प्यार-मोहब्बत बगैर भले ही कोई जी ले
मगर जीवन में मस्ती प्यार के बिन नहीं।

कितने भी हों साज संगीत फिर भी अधूरा
जब तक उसमें तबले की ताक धिन नहीं।

हर जगह हर चीज काम नहीं करती प्यारे
भाले की जगह पर काम करती पिन नहीं।

दिलवर साथ तो रात का पता नहीं चलता
बगैर दिलवर के रात कटती तारे गिन नहीं।



सोमवार, 1 फ़रवरी 2010

झूठ नहीं हम कहते हैं कहते बिलकुल सच्ची


झूठ नहीं हम कहते हैं कहते बिलकुल सच्ची।
मेहनत करने वालों की होती किस्मत अच्छी॥ 

जीवन एक कश्ती है दुनियां के समुन्दर में
जो संभल चलाते नहीं डूबती उनकी कश्ती।

जो खुदको मिटा देते उन्हें दुनियां मिटा देती
फिर आते नजर ऐसे जैसे मारते हों मक्खीं।

जीवन उसका जीवन है जो हँस कर जी ले
यूँ तो घुटन से भरी है दुनियां की हर बस्ती।

उठो नहीं तो प्यारे एक दिन तुम पछताआगे
तब जीवन मँहगा लगेगा मौत लगेगी सस्ती।