गुरुवार, 16 जनवरी 2020

मेरी फिल्मी पैरोडियां


1. 
पैरोडी female - 
मेरे सपनों की रानी कब आयेगी तू ...

मेरे सपनों के राजा कब आओगे 
तुम 
करने मुझे तरोताज़ा कब आओगे तुम 
बैठी खोले दरवाज़ा कब आओगे तुम 
चले आओ तुम चले आओ -2 

तुमने किया था ,वादा वफ़ा का 
अपना कहा था ,अपना बना के -2 
निकला झूठा तेरा वादा कब आओगे तुम 
मेरे सपनों के राजा कब आओगे तुम
करने मुझे तरोताज़ा कब आओगे तुम 
बैठी खोले दरवाज़ा कब आओगे तुम 
चले आओ तुम चले आओ

याद सताये, दिल घबराये 
समझ न आये ,क्या मैं करूँ-2 
और कितना मुझे तरसाओगे तुम 
मेरे सपनों के राजा कब आओगे तुम
करने मुझे तरोताज़ा कब आओगे तुम 
बैठी खोले दरवाज़ा कब आओगे तुम 
चले आओ तुम चले आओ

बहक गयी गर , दिल से दिलवर 
फिर मत कहना, क्या हो गया -2 
तब खुद ही खुद को रुलाओगे तुम 
मेरे सपनों के राजा कब आओगे तुम
करने मुझे तरोताज़ा कब आओगे तुम 
बैठी खोले दरवाज़ा कब आओगे तुम 
चले आओ तुम चले आओ

प्रेम फ़र्रुखाबादी

2. 
पैरोडी
बड़े दिनों के बाद गली में 
आज चाँद निकला...

तुम्हें पाया तो पाया सब आज, 
ख़ुशी से मेरा दिल उछला 
हुआ खुद पर खुद को नाज, 
ख़ुशी से मेरा दिल उछला 
तुम्हें पाया तो पाया सब आज, 
ख़ुशी से मेरा दिल उछला

हाल बड़ा बेहाल था मेरा, 
जीवन जीना मुहाल था मेरा 
गया दिल से ग़मों का राज, 
ख़ुशी से मेरा दिल उछला 
तुम्हें पाया तो पाया सब आज, 
ख़ुशी से मेरा दिल उछला

पूँछ रही थी सखियाँ मेरी, 
तरस रही थी अखियां मेरी 
फिर छिड़ गया दिल का साज़,
ख़ुशी से मेरा दिल उछला 
तुम्हें पाया तो पाया सब आज, 
ख़ुशी से मेरा दिल उछला

धूप गयी अब आ गयी छाँव,
पड़ते नहीं हैं जमीं पर पाँव 
मेरे सब कुछ तुम्हीं हो सरताज,
ख़ुशी से मेरा दिल उछला 
तुम्हें पाया तो पाया सब आज, 
ख़ुशी से मेरा दिल उछला

प्रेम फ़र्रुखाबादी

3. 
पैरोडी
कभी राम बनके,कभी श्याम बनके ...

कभी माता बनके, कभी पिता बनके 
चले आना गुरूजी चले आना।
तुम दीपक रूप में आना
तुम दीपक रूप में आना
तम को दूर करने, मुझमें नूर भरने 
चले अना गुरु जी चले आना।

तुम रक्षक रूप में आना
तुम रक्षक रूप में आना
मेरी रक्षा करने, प्यार सच्चा करने 
चले आना गुरु जी चले आना।

तुम आत्म रूप में आना
तुम आत्म रूप में आना
अपनी भक्ति जगाने,अपनी शक्ति दिखाने 
चले आना गुरु जी चले आना।

तुम माझी रूप में आना
तुम माझी रूप में आना
भव से पार करने,मेरा उध्दार करने 
चले आना गुरु जी चले आना।

तुम सपन रूप में आना
तुम सपन रूप में आना
मुझको राह दिखाने, मुझमें चाह जगाने 
चले आना गुरु जी चले आना।

प्रेम फ़र्रुखाबादी

4. 
पैरोडी
लागा चुनरी में दाग ...

प्यारा सजनी का प्यार भुलाऊं कैसे
भुलाऊं कैसे उसे घर लाऊं कैसे
प्यारा सजनी का प्यार ---

रूठी जब से मोरी सजनियाँ
प्यार से प्यारी मोरी सजनियाँ
जाके ससुराल में उसको मनाऊं कैसे
उसे घर लाऊं कैसे
प्यारा सजनी का प्यार ---

चली गई वो बिना बतलाये
तन तड़पे मन मोरा घबराए
जाके ससुराल में उसको मनाऊं कैसे
उसे घर लाऊं कैसे
प्यारा सजनी का प्यार ---

कभी कभी मेरे मन में उठते उलटे सीधे सवाल
बिन सजनी के सचमुच ही ये जीवन है जंजाल
जाके ससुराल में उसको मनाऊं कैसे
उसे घर लाऊं कैसेप्यारा सजनी का प्यार ---

प्रेम फ़र्रुखाबादी

5.
पैरोडी
ऐ हवा मेरे संग संग चल ...

दिलरूबा मेरे अंग-अंग लग 
मदमस्त हुई हुई मैं लगभग 
बोले मुझसे ही मेरा रग-रग 
साथी तू ही मेरा पग-पग। 
दिलरूबा मेरे अंग-अंग लग 
मदमस्त हुई हुई मैं लगभग...

जैसे ही तूने,मुझको छुआ है 
कुछ-कुछ जैसे,मुझको हुआ है-2
दिलरूबा मेरे अंग-अंग लग 
मदमस्त हुई हुई मैं लगभग... 

जन्म जन्म से तू, साथी मेरा 
मैं हूँ दिया तू,बाती मेरा-2
दिलरूबा मेरे अंग-अंग लग 
मदमस्त हुई हुई मैं लगभग... 

तेरे बिना मैं,जी न सकूँगी 
गम जिंदगी के,पी न सकूँगी-2
दिलरूबा मेरे अंग-अंग लग 
मदमस्त हुई हुई मैं लगभग ...

प्रेम फ़र्रुखाबादी

6.
पैरोडी
मेरे रस्के कमर...

दिल से मुस्काके तू, दिल पर छा गया -2
मस्ती तन-मन में मेरे छा ने लगी -2
हाल ऐसा हुआ, दिल ने दिल को छुआ-2
कली दिल की खिली,दिल मेरा झूम उठा 
मेरे प्यारे दिलवर-2 हुआ ऐसा असर 
हुई दिल को खुशी,दिल मेरा झूम उठा।

हम कहें और क्या, हम सुनें और क्या 
मिल गयी जिंदगी,दिल मेरा झूम उठा 
मेरे प्यारे दिलवर, हुआ ऐसा असर 
हुई दिल को खुशी, दिल मेरा झूम उठा।

खाली खाली पड़ी थी,यह दिल की जमीं-2
दूर कोसों थी मुझसे, दिल की खुशी -2
जो तू मुझको मिला, फूल दिल का खिला-2
आ गयी ताजगी,दिल मेरा झूम उठा 
मेरे प्यारे दिलवर, हुआ ऐसा असर 
हुई दिल को खुशी, दिल मेरा झूम उठा।

अब कहूँ किस तरह, मस्त हुई इस तरह 
आस ऐसी जगी, दिल मेरा झूम उठा 
मेरे प्यारे दिलवर, हुआ ऐसा असर 
हुई दिल को खुशी, दिल मेरा झूम उठा
प्यार से देख कर, दिल को फेंक कर 
जिंदगी महक उठी,दिल मेरा झूम उठा।

प्रेम फ़र्रुखाबादी

7.

पैरोडी 

भोले...ओ भोले...


कृष्णा…ओ कृष्णा…

जीवन में खुशियाँ भर दे

कोई ऐसा मुझको वर दे

जीवन में खुशियाँ भर दे

कोई ऐसा मुझको वर दे


मैं सोचूँ , न सोच पाऊँ

क्यों कोई, खुशी नहीं है

कहने को, जिंदगी यह

पर यह, जिंदगी नहीं है


मैं भक्त हूँ,तुम भगवान हो मेरे

इस तन के, तुम प्राण हो मेरे

मैं भक्त हूँ ,तुम भगवान हो मेरे

इस तन के, तुम प्राण हो मेरे

मैं तो इतना जानूँ

कोई जादू अपना कर दे


जीवन में खुशियाँ भर दे

कोई ऐसा मुझको वर दे

कृष्णा… ओ कृष्णा…


-प्रेम फर्रुखाबादी


8.

पैरोडी

ओ एक  तू ऐ पिया….


तेरी  कसम  तूने मुझे परेशान ही कर दिया 

तुझे कैसे समझाऊँ मुझे हैरान ही कर दिया


ओ  दिल  मेरे  सुन  जरा,मत  हो किसी पे फिदा

अरे तेरी हरकतों ने किया,जीना मुश्किल ही मेरा 


समझा समझा कर मैं तुझको  थक गया हूँ

तेरी कसम बिल्कुल ही  मैं तो  पक गया हूँ

क्या  हैं  तेरे  इरादे,  मुझको  यह  बता  दे

देखो बहुत सता लिया मुझको अब और न सता।


जिसको भी  तू  देखे वहीं हो जाये दीवाना

तेरी खातिर तो मुझको पड़ता है रे घबराना

मान  जा मेरा कहना, सच कहता हूँ  वरना

कहीं  तेरी  वजह  से  हो न  जाये  कोई हादसा।


छोड दे ऐसी आदत  बन  न जाये आफत

ऐसे नहीं होती है राह चलते कोई मुहब्बत

ऐसा नहीं   होता  हैं,  जैसा  तू  करता  है

कहीं  पागल  न  बना  दे  यह  प्यार  का  नशा।


-प्रेम फर्रुखाबादी


9.

पैरोडी

है दुनियां उसी की जमाना उसी का...


दिल से जो होता है, जग में  सभी का।

उसको ही कहते हैं, फ़रिश्ता जमीं का॥


भला जो करेगा, भला उसका होगा 

उसके  पीछे  पीछे, हर  कोई  होगा 

आदमी वही करे जो,भला आदमी का।

उसको ही कहते हैं, फ़रिश्ता जमीं का।


गैरों के दुःख को, जो अपना बना ले

प्यार  से  बढ़  कर, गले  से लगा ले

करे  दूर दुःख जो, हर एक  दुखी का।

उसको ही कहते हैं,फ़रिश्ता जमीं का।


जो नफ़रत मिटा के,उल्फत सिखा दे

मुहब्बत से सबको, मुहब्बत सिखा दे 

चखा  दे  मज़ा  जो, इस  जिंदगी का।

उसको ही कहते हैं, फ़रिश्ता जमीं का।


-प्रेम फर्रुखाबादी









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