सोमवार, 6 जनवरी 2020

हम तुम बैठे पास-पास तो


हम तुम बैठे पास-पास तो, देख रहे हैं सारे। अपने ढंग से अपनी आँखें, सेंक रहे हैं सारे। हम तुम बैठे पास-पास तो, देख रहे हैं सारे... ​ ​एक दूजे से हम हैं दोनों, ये हमने माना तुमने माना। दिल से तुम दीवानी हुई तो, मैं भी तो हुआ दीवाना। संग तुम्हारे बड़े ही प्यारे, लगते हैं दुनियाँ के नज़ारे। हम तुम बैठे पास-पास तो, देख रहे हैं सारे... ​ ​यूँ ही नहीं हम साथ आये, दोनों ने दोनों को चाहा। दिल से दिल मिल गये ऐसे, दोनों ने दोनों को पाया। जाने कितने हमने तुमने, एक दूजे पर डोरे डारे। हम तुम बैठे पास-पास तो, देख रहे हैं सारे.. ​ ​प्यार बिना जेल सा जीवन, जैसे हो ये कोई सजा। साथ-साथ हम आये तो, आने लगा जीने का मजा। जैसे ही हम तुझे निहारें, वैसे ही तू हमें निहारे। हम तुम बैठे पास-पास तो, देख रहे हैं सारे... ​-प्रेम फर्रुखाबादी



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