मेरे भइया प्यारे भइया बहिन को क्यों भुला दिया।
हुई खता क्या मुझसे जो खुदको मुझसे जुदा किया।
मेरे भइया प्यारे भइया....
मात-पिता की हम हैं दो ही संताने
मैं जानू यह भइया और तू भी जाने
मैंने तो माना मगर यह तू नहीं माने
एक खून थे हम और तुम गैर मुझे क्यों बना दिया।
मेरे भइया प्यारे भइया....
कहीं भाभी ने ही कुछ कह दिया होगा
मेरे खिलाफ तुम्हें कुछ भर दिया होगा
और अपने पक्ष में तुम्हें कर लिया होगा
जीते जी ही तुमने अपनी बहिन को क्यों रुला दिया।
मेरे भइया प्यारे भइया....
जबसे हुई हूँ मैं घर से पराई भइया
कभी तुम्हें याद न मेरी आयी भइया
जाने कौन घड़ी की मैं हूँ जाई भइया
ख़ुद कुछ भी न सोचा भाभी का क्यों कहा किया।
मेरे भइया प्यारे भइया....
भाई बहिन के बीच की दीवार है भाभी
ठीक नहीं होती है ऐसी बेकार है भाभी
भइया के सुख दुःख की संसार है भाभी
भइया मेरा बुरा नहीं भाभी ने ही मुझे छुडा दिया।
मेरे भइया प्यारे भइया....
बिल्कुल नये ढंग से लिखा है. वाह-वाह. बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंUMDA............
जवाब देंहटाएंUTTAM..........
ACHHI KAVITA,,,,,,,,,,,,,,,,,,
BADHAAI !
ek khubsoorat rachana
जवाब देंहटाएंek khubsoorat rachana
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावनापूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंप्रेम जी
भाई बहन के प्यार को सघनता से दर्शाया है
अच्छी रचना
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंbahut hee sundar rachna
जवाब देंहटाएंयह भी एक नजरिया. बढ़िया.
जवाब देंहटाएंसामायिक अद्भुत सुन्दर रचना राखी की शुभकामनायें आभार्
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंविश्व-भ्रातृत्व विजयी हो!
रक्षाबन्धन पर बढ़िया प्रस्तुति है।
जवाब देंहटाएंबधाई।
wah premji, spasht shabdon men , rishton ki spashtata dikhati bhavpurn rachna. badhai
जवाब देंहटाएंईश्वर भाभी को सदबुद्धि दे.
जवाब देंहटाएंbhut khub sam,ayik rachna
जवाब देंहटाएंsaadar
praveen pathik
9971969084
badhia ,sundar ,adhbut,beautiful
जवाब देंहटाएंआप सभी ब्लोगर मित्रों का मेरा हौसला बढाने के लिए दिल से धन्यबाद!!
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