तेरे लिए लेकर आया हूँ प्यार भरा यह दिल।
क्या करूँ क्या न करूँ जो हो जाए हासिल॥
गोरा गोरा बदन यह तेरा मुझको लुभाये रे
जितना देखूँ उतना पागल मुझको बनाये रे
चार चाँद लगाये मुखपे काला काला तिल।
क्या करूँ क्या न करूँ जो हो जाए हासिल।
तुझको पाना ही मेरा अरमान जाने जां ना
तेरा मेरा रिश्ता यह लगता सदियों पुराना
तुझको पाकर ही जैसे जीवन जाएगा मिल।
क्या करूँ क्या न करूँ जो हो जाए हासिल।
प्यार की मस्ती में होगी प्यारी मुलाकातें
एक दूजे की बाँहों में गुजरेंगी अपनी रातें
तेरे प्यार की खुश्बू से दिल जाएगा खिल।
क्या करूँ क्या न करूँ जो हो जाए हासिल।
बहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंबधाई!
अच्छी रचना...........
जवाब देंहटाएंवाह !
बधाई !
प्रेम दर्शाना तो कोई आप से सीखे,
जवाब देंहटाएंनटखट प्यार से भरा सुंदर गीत...बधाई
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति, बधाई
जवाब देंहटाएंBahut sundar.
जवाब देंहटाएंवैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।
prem ji, bahut sadharan shabdon prem ki abhivyakti .
जवाब देंहटाएंप्रेम जी,
जवाब देंहटाएंयदि मैं इसे एक प्रेम गीत ना कह कर यदि प्रेम भावों से भरा कोई भक्ती गीत कहूँ तो?
आपकी रचनाओं की गेयता उन्हें विशिष्टता देती हैं वहीं प्रेम की अतीव भावना उन्हें पाठक से जोड़ देती है।
प्यार भरा गीत।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
बहुत रूमानी गीत है
जवाब देंहटाएं---
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vinay jee se sahamat, aapko filmo ke geet bhee likhna chahiye
जवाब देंहटाएंआप सभी ब्लोगर मित्रों का मेरा हौसला बढाने के लिए दिल से धन्यबाद!!
जवाब देंहटाएंतेरे लिए मैं लाया हूँ प्यार भरा यह दिल।
जवाब देंहटाएंक्या करुँ मैं जिस से तू हो जाए हासिल
BADHIYA PREM JI ...... BAS DIL LAGAAYE RAHENGE TO MIL HI JAAYENGE VO . SUNDAR HAI