शुक्रवार, 14 अगस्त 2009

खुश हो के दूसरों का खुश जीवन किया करो


खुश हो के दूसरों का खुश जीवन किया करो।
खाओ पियो पल दो पल प्रहसन किया करो।

सही और ग़लत का फैसला अगर न हो पाय
तो अकेले बैठकर मन में मंथन किया करो।

आप कितने अच्छे हो कितने बुरे हो दोस्त
अपने ही कर्मों का सामने दर्पण किया करो।

इतना कमा कर आखिर कहाँ ले के जाओगे
थोड़ा बहुत असहायों में अर्पण किया करो।

लोग तुमसे बात करने को व्याकुल हो जाए
कुछ आप ख़ुद में पैदा आकर्षण किया करो।

भूल से बहक न जाओ अपनी भावनाओं में
अपने आप पर भी थोड़ा शासन किया करो।

क्यों सिकुड़ कर जी रहे हो आप जिंदगी को
दौलत भी फुर्सत भी तो देशाटन किया करो।

यह मन पवित्रता से दयालुता से भर जाएगा
जो भूखे सोते उनको दान राशन किया करो।

13 टिप्‍पणियां:

  1. आपका ब्लॉग अच्छा लगा। आपको जनमाष्टमी और स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।

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  2. स्‍वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!

    जय हिन्द!!

    भारत मॉ की जय हो!!

    आई लव ईण्डियॉ


    आभार

    मुम्बई-टाईगर
    द फोटू गैलेरी
    महाप्रेम
    माई ब्लोग
    SELECTION & COLLECTION

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  3. सही और ग़लत का फैसला अगर न हो पाय
    तो अकेले बैठकर मन में मंथन किया करो।
    ठीक कहा है बिना मंथन के सही और गलत का फैसला कहाँ हो पाता है.
    बहुत सुन्दर रचना

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  4. सही और ग़लत का फैसला अगर न हो पाय
    तो अकेले बैठकर मन में मंथन किया करो।
    ग़ज़ल का सबसे पसंदीदा शेर.

    सुन्दर ग़ज़ल प्रस्तुति पर आभार.

    जन्माष्टमी और स्‍वतंत्रता दिवस की आपको बहुत-बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं !!

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  5. बहुत ही सुन्दर.अत्यन्त रोचक.

    स्वतन्त्रता-दिवस की बहुत बहुत-बधाई।

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  6. आज़ादी की 62वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस सुअवसर पर मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ है। आप लोगों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मिले सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए मैं आपकी आभारी हूं। प्रथम वर्षगांठ पर मेरे ब्लोग पर पधार मुझे कृतार्थ करें। शुभ कामनाओं के साथ-
    रचना गौड़ ‘भारती’

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  7. सही और ग़लत का फैसला अगर न हो पाय
    तो अकेले बैठकर मन में मंथन किया करो।

    बहुत सही कहा है आपने इन दो पंक्तियों में ......!!

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  8. 'भूल से बहक न जाओ अपनी भावनाओं में
    अपने आप पर भी थोड़ा शासन किया करो।'
    - स्वानुशासन जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है.

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  9. आप सभी ब्लोगर मित्रों का मेरा हौसला बढाने के लिए दिल से धन्यबाद!!

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  10. वाहजी..............
    आप कितने अच्छे हो कितने बुरे हो दोस्त
    अपने ही कर्मों का सामने दर्पण किया करो।

    इतना कमा कर आखिर कहाँ ले के जाओगे
    थोड़ा बहुत असहायों में अर्पण किया करो।
    क्या बात है !

    बधाई !

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