इंसानियत का फ़र्ज़ निभाते चलो।
भटके हुओं को राह दिखाते चलो॥
धन दौलत कौन साथ लेकर गया
ज्यादा हो गरीबों को उठाते चलो॥
दुबारा जीवन तो अब मिलना नहीं
हो सके तो प्यारे मित्र बनाते चलो॥
रोते को हँसाना पुण्य से कम नहीं
ऐसा पुण्य दिन-रात कमाते चलो॥
मेरा नाम प्रेम नारायण शर्मा है.मेरा जन्म फ़र्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश) में हुआ. मैंने १९९५ में एक कैसेट के गीत लिखे थे,जिसका नाम था -"सारंगपुर हनुमान" और जिसके गीत फिल्मी गायक मनहर उधास ने गाए थे.कैसेट का लोकार्पण अहमदाबाद (गुजरात) में हुआ था.मैं "प्रेम फ़र्रुखाबादी" के नाम से रचनाएँ लिखता हूँ.
बहुत बढ़िया भाई!!
जवाब देंहटाएंbehatrin ......
जवाब देंहटाएंसुन्दर वचनों से सजी-धजी ग़ज़ल बहुत ख़ूबसूरत है
जवाब देंहटाएंअच्छे शब्द,
जवाब देंहटाएंनेक सलाह।
धन्यवाद।
प्रेम जी।
जवाब देंहटाएंआपका काव्य साधना को सलाम।
zindagi ka sar bataya aapne.....bahut achhe shabd
जवाब देंहटाएंरोते को हँसाना पुण्य से कम नहीं
जवाब देंहटाएंऐसा पुण्य जीवन में कमाते चलो।
जनाब इतने अच्छे शेर लिखे हैं आपने की मन से वाह वाह निकलती है......
बहुत ख़ूबसूरत, रोचक और शानदार रचना लिखने के लिए ढेर सारी बधाइयाँ! आपकी हर एक कविता प्रशंग्सनीय है!
जवाब देंहटाएंanubhav ki baat. shubh ho. jai ho.
जवाब देंहटाएंsaral magar bahut achchhe shabdon me nek salah achchhi lagi
जवाब देंहटाएंप्रेम जी,
जवाब देंहटाएंसादगी भरे ऊँचे ख्यालों से सज्जित रचना मन लुभा लेती है, पूरी नेकनियती से।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
सुन्दर सन्देश.
जवाब देंहटाएंबधाई.
चन्द्र मोहन गुप्त
chalo aaj rote hue kisi bachche ko hasayaa jaaye....//kuchh isi tarah ka andaaz e bayaa thaa aapka/
जवाब देंहटाएंbahut khoob likhaa he janaab/
सुन्दर सकारत्मक सोच लिए सुन्दर अभिव्यक्ति !!!
जवाब देंहटाएंलेह यात्रा के लिए आप को भी बधाई !!!
बहुत धन्यवाद !
रोते को हँसाना पुण्य से कम नहीं
जवाब देंहटाएंऐसा पुण्य जीवन में कमाते चलो। ..
bhut hee sundr lainen .
shandar rachna ke liye badhayi aapak blog achcha laga....
जवाब देंहटाएंPrabhavi lekhan.Badhai.
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