अगर तू आए तो आ जाए मौसम बहार का।
दिल ये मेरा बड़ा ही बेताब है तेरे दीदार का॥
हर तरह से देख लिया मैंने बहला कर दिल
हाल फिर भी बेहतर न हुआ तेरे बीमार का॥
आ भी जाओ न अब और देर न लगाइयेगा
कसम तुझको है मेरी वास्ता अपने प्यार का॥
यह दिल मेरा बेकाबू हुआ जाए तेरी चाह में
हाय! काटे न कटे पल-पल तेरे इंतज़ार का॥
bahut bahtareen gazal pesh ki hai aapne
जवाब देंहटाएंसब्र का फल मीठा होता है।
जवाब देंहटाएंबधाई।
वाह बहुत बढ़िया! इस शानदार ग़ज़ल के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंशानदार ग़ज़ल के लिए बधाई..
जवाब देंहटाएंप्रेम जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर शेर है
बधाई
हर तरह से देख लिया मैंने बहलाके दिल को
फ़िर भी हाल बेहतर न हुआ तेरे बीमार का ।
- विजय
आ भी जाओ अब और देर ना लगाओ प्रिये
जवाब देंहटाएंतुझको कसम मेरी वास्ता अपने प्यार का ।
प्यार का इंतज़ार लंबा होता है पर ख़त्म जरूर होता है............. सुन्दर रचना है
bahut hi sundar..............intjaar awashya hatma hogi ...........our sirf pyar hi pyar hoga
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार ग़ज़ल
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तख़लीक़-ए-नज़र