रविवार, 5 जुलाई 2009

अगर तू आए तो आ जाए मौसम बहार का


अगर तू आए तो आ जा मौसम बहार का
    दिल ये मेरा बड़ा ही बेताब है तेरे दीदार का॥ 

हर तरह से देख लिया मैंने बहला कर दिल
    हाल फिर भी बेहतर हुआ तेरे बीमार का॥ 

भी जाओ न अब और देर न लगाइयेगा 
   कसम तुझको है मेरी वास्ता अपने प्यार का॥ 

यह दिल मेरा बेकाबू हुआ जाए तेरी चाह में
     हाय! काटे कटे पल-पल तेरे इंतज़ार का॥



8 टिप्‍पणियां:

  1. वाह बहुत बढ़िया! इस शानदार ग़ज़ल के लिए बधाई!

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  2. प्रेम जी
    बहुत सुन्दर शेर है
    बधाई
    हर तरह से देख लिया मैंने बहलाके दिल को
    फ़िर भी हाल बेहतर न हुआ तेरे बीमार का ।
    - विजय

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  3. आ भी जाओ अब और देर ना लगाओ प्रिये
    तुझको कसम मेरी वास्ता अपने प्यार का ।

    प्यार का इंतज़ार लंबा होता है पर ख़त्म जरूर होता है............. सुन्दर रचना है

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  4. bahut hi sundar..............intjaar awashya hatma hogi ...........our sirf pyar hi pyar hoga

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