रविवार, 12 जुलाई 2009

मेरी भी एक प्यार से भरी कहानी थी



मेरी भी एक प्यार से भरी कहानी थी।
        कुछ न पूँछो जिन्दगी बड़ी सुहानी थी॥

बड़ा मुश्किल था रहना दूर एक दूजे से
        मैं उसपे दीवाना वो मुझपे दीवानी थी॥

जितना प्यार मिला उसका बहुत लगा
      उसकी हरेक अदा दिल को लुभानी थी॥

उसका प्यार दिल से कभी उतरा ही नहीं
      उसका प्यार ही मेरी ताकत रूहानी थी॥

11 टिप्‍पणियां:

  1. उसका प्यार दिल से कभी उतरा ही नहीं
    उसका प्यार ही मेरी ताकत रूहानी थी।
    bahut hi sunder tarike se ehsaas lafzon mein dhale hai,waah.

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  2. Prem jee
    जो प्यार दिल मे उतरा ही नही वही ताकत बन गयी. वाह -- बहुत सुन्दर सोच.

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  3. आपकी इस रचना की हर एक पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी!

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  4. प्रेम जी,

    प्रेम की गहराईयों में डूबी हुई रचना अच्ची लगी।

    सादर,

    मुकेश कुमार तिवारी

    मैंने अपने ब्लॉग पहली दफा़ एक गज़ल सी रचना पोस्ट की है, आपके सुझाव चाहूँगा।

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  5. मेरी भी एक प्यार से भरी कहानी थी।
    कुछ न पूँछो जिन्दगी बड़ी सुहानी थी।

    bahut sunder...

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  6. आप बहुत दिल से लिखते हैं...वाह
    नीरज

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  7. "उसका प्यार दिल से कभी उतरा ही नहीं
    उसका प्यार ही मेरी ताकत रूहानी थी।"
    बहुत सुन्दऱ,
    बेहतरीन रचना।
    बधाई।

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