अपनों को अपनत्व दिखाएँ मिलें तो अहसास कराएँ
जिन्दगी आसान होगी साथ बैठें पल दो पल बिताएँ।
त्याग, क्षमा, धैर्य और प्रेम से ही रिश्ते जिन्दा रहते
गर भरोसा न हो तो जीवन में इन्हें जरूर अपनाएँ।
ज्यादा बातें करने से रिश्तों में तनाव आ ही जाता
हो सके अपनी इस आदत पर विवेक से काबू पाएँ।
हमेशा किसी से बात करने को मन नहीं करता है
ऐसे हालात में भूल कर भी किसी के पास न जाएँ।
खासम खास की मदद करने की जरूर सोचते रहें
ऐसा सोच कर अपनों को और अपने करीब लाएँ।
जरूरत से ज्यादा बातों से रिश्तों में तनाव आ सकता
जवाब देंहटाएंहो सके तो अपनी इस आदत पर विवेक से काबू पायें।
सही कहा है. बहुत सुन्दर रचना बनी है.
बधाई
jeevan upyogi acchi rachna.
जवाब देंहटाएंapno ke saath saath doosre jaroorat mandon ki madad ko
जवाब देंहटाएंaage aanaa hi apne paapon ko kam karta hai aur punya kaa khataa badaataa hai.
jhallevichar.blogspot
jhalli-kalam-se
angrezi-vichar.com
khoobsoorat vichar
जवाब देंहटाएंअपनों को अपनत्व दिखाएँ मिलें तो अहसास कराएँ।
जवाब देंहटाएंजिन्दगी आसान होगी साथ बैठें पल दो पल बिताएं।
सुन्दरतम प्रस्तुति।
आभार।
त्याग क्षमा और सहनशीलता से रिश्ते जिन्दा रहते
जवाब देंहटाएंगर भरोसा न हो तो इनको जीवन में जरूर अपनाएँ।
सही फ़रमाया आपने .....!!
बहुत ही सुंदर विचार के साथ लिखी हुई आपकी ये शानदार रचना बहुत बढ़िया लगा!
जवाब देंहटाएंsach kaha prem ji..har vakt aadmi baat karane me mood me nahi hota ..sabke alag alag samay hote hai..
जवाब देंहटाएंuchit samay par hi uchit kaam kare..
badhiya.
हर वक्त हर किसी से बात करने को मन नहीं करता
जवाब देंहटाएंऐसे हालात में भूल कर कभी किसी के पास न जाएँ
सुन्दर विचार.............. दुरुस्त कहा है...........
UNCHE LOG
जवाब देंहटाएंUNCHE VICHAAR............
WAAH WAAH
__________________ANUPAM KAVITA !