वो ही दर्द दें वही दवा करें।
आये कोई बताए क्या करें॥
तारीफ अपनी न भाये उन्हें
फिर रोज ही क्यों सजा करें।
सिर्फ मेरे ही होकर रहे वो
मेरी लिए दिल से दुआ करें।
बार-बार ही कहा उनसे मैंने
आप खूबसूरत हैं छुपा करें।
-प्रेम फर्रुखाबादी