कोई दर्द बाँटता तो कोई खुशी बाँटता है।
जिसके पास जो होता वो वही बाँटता है॥
अँधेरों में जीना भी कोई जीना है दोस्त
जीना उसका जीना जो रोशनी बाँटता है।
दुष्ट तो किसी की भी ले सकता है जान
पर सज्जन हमेशा ही जिन्दगी बाँटता है।
किसी को रुलाये वो बात किस काम की
उसको सराहो जो सबको हँसी बाँटता है।
बुझदिल लोग ही जिया करते हैं उदासी में
दिलदार वो जो सबको ताजगी बाँटता है।
वाह वाह !
जवाब देंहटाएंक्या बात है !
तरोताजा हो गए गजल पढ़कर !
बुझदिल लोग जिया करते हैं उदासियों में
जवाब देंहटाएंदिलदार वही जो सबको ताजगी बाँटता है।
वाह क्या बात कही है आपने...
बुझदिल लोग जिया करते हैं उदासियों में
जवाब देंहटाएंदिलदार वही जो सबको ताजगी बाँटता है।
वाह क्या बात कही है आपने...
उसका जीना जीना जो रोशनी बाँटता है।
जवाब देंहटाएंज़िन्दगी और जीवन को आईना दिखाती रचना अच्छी लगी
सुंदर...अति सुंदर
जवाब देंहटाएंकिसी को रुलादे ऐसा गम किस काम का
जवाब देंहटाएंउसको सराहो जो सब को हँसी बाँटता है।
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति, आभार
उम्दा ग़ज़ल....
जवाब देंहटाएंकोई दर्द बाँटता तो कोई खुशी बाँटता है।
जवाब देंहटाएंजिसके पास जो होता वो वही बाँटता है।
SACH LIKHA HAI ..... LAJAWAAB RACHNA... DIL MEIN UTAR GAYA YE SHER .....
wah prem ji, khoob likhte ho. badhai.
जवाब देंहटाएं'उसको सराहो जो सब को हँसी बाँटता है।'
जवाब देंहटाएं- ताकि दुनिया हंसी खुशी से सराबोर हो जाए.
आप सभी ब्लोगर मित्रों का मेरा हौसला बढाने के लिए दिल से धन्यबाद!!
जवाब देंहटाएंअर्थपूर्ण ,सकारात्मक सोच के साथ शानदार प्रस्तुति !!!
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