ऐ मेरे दिल बता इतना बेकरार क्यों होता है।
जो नहीं आयेगा उसका इंतज़ार क्यों होता है।
जिसने यूँ ही तड़पने के लिए छोड़ दिया मुझे
ऐसे दिलवर पर तुझको ऐतबार क्यों होता है।
वफ़ा शब्द का जिनको मायने तक पता नहीं
जाने वफादारों में उनका शुमार क्यों होता है।
मैंने तो दिलो जान से उनसे वफ़ा निभाई थी
मुझ सा वफादार फ़िर नागवार क्यों होता है।
"ऐ मेरे दिल बता इतना बेकरार क्यों होता है।
जवाब देंहटाएंजो नहीं आयेगा उसका इंतज़ार क्यों होता है।"
बहुत सुन्दर कविता है,
शर्मा जी, आपको बधाई!
दिल की बेकरारी और फिर इंतजार उसका जो नही आयेगा.
जवाब देंहटाएंपर वो आयेगा जरूर -- इंतजार करते रहेंगे तभी इंतजार खत्म होगा.
सुन्दर रचना
बहुत खुब, लाजवाब लिखा है आपने। .....
जवाब देंहटाएंवफ़ा शब्द का जिनको मायने तक पता नहीं
जवाब देंहटाएंजाने वफादारों में उनका शुमार क्यों होता है।
wah ,prem ji umda likha hai.
आप सभी ब्लोगर मित्रों का मेरा हौसला बढाने के लिए दिल से धन्यबाद!!
जवाब देंहटाएंbahut sundar
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