वो ही दर्द दें वही दवा करें।
आये कोई बताए क्या करें॥
तारीफ अपनी न भाये उन्हें
फिर रोज ही क्यों सजा करें।
सिर्फ मेरे ही होकर रहे वो
मेरी लिए दिल से दुआ करें।
बार-बार ही कहा उनसे मैंने
आप खूबसूरत हैं छुपा करें।
-प्रेम फर्रुखाबादी
अच्छी रचना आभार !!
जवाब देंहटाएंsundar bhavpoorana rachna
जवाब देंहटाएंachhi salaah di aapne..........par koi maane toh !
जवाब देंहटाएं-umda gazal !
आप सभी ब्लोगर मित्रों का मेरा हौसला बढाने के लिए दिल से धन्यबाद!!
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