रविवार, 10 मई 2009

सबसे प्यारी सब से न्यारी माँ होती है


माँ
सबसे प्यारी सब से न्यारी माँ होती है
अपने जिगर के टुकडों की जाँ होती है

सदा ही अपने बच्चों का रखती है वो ध्यान
जीती है वो देख देख कर उनकी मधुर मुस्कान
जहाँ भी होते उसके बच्चें वहाँ होती है।
सबसे प्यारी सब से न्यारी माँ होती है
अपने जिगर के टुकडों की जाँ होती है

बच्चों की खुशियों में ही वो समझे अपनी खुशी 
उनको दुःख में देख देख कर हो जाती है दुखी
बच्चों के संग धीरे ही धीरे रवाँ होती है।
सबसे प्यारी सब से न्यारी माँ होती है
अपने जिगर के टुकडों की जाँ होती है

बच्चों की मनोभावना

छोटू बोला लम्बू से
तू क्यों लंबा हो गया
बिजली का खम्बा हो गया। 

लम्बू बोला छोटू से
खूब खाना खा प्यारे
मुझसा लंबा हो जा रे। 

कभी नही जो रूठते
खाना खूब खाते हैं
मम्मी उनको प्यार करती
और पापा खूब घुमाते हैं।

मिलके करलो खुलके करलो साईं


मिलके करलो खुलके करलो साईं का गुनगान।
साईं का गुनगान करेगा हम सब का कल्याण॥

सुबह-शाम साईं की आरती उतार लो
आरती उतार अपनी जिंदगी संवार लो
मानो कहना नहीं तो वरना रहेंगे भटकते प्राण।

सच्चे मन से जो साईं दरबार में आया
जो भी कामना की वो उसने है  पाया
साईं कृपा से हो जाते है।  निर्धन भी धनवान।

भक्तों की सुनते मन की पुकार साईं
झोलियों में भरते अपना प्यार साईं
हर सुख का दाता है भक्तो साईं का एक ध्यान।

गुरुवार, 7 मई 2009

चाहने पर अक्सर किसी का मान नहीं होता


चाहने पर अक्सर किसी का मान नहीं होता।
दो दिन बाद कोई महमान महमान नहीं होता॥ 

बहुत पापड बेलने पड़ते हैं जिन्दगी में यारो
यूँ ही पूरा  दिल का कभी अरमान नहीं होता।

कोई न कोई स्वार्थ जरूर देखती है ये दुनिया 
खामखा कोई किसी पर महरबान नहीं होता।

सच्चे मन से जो करते रहते दूसरों का भला
उनका बेकार कभी कोई अहसान नहीं होता।

नफरतों का परिणाम होता है बड़ा ही घातक
मुसीबतों में भी कोई उनके दरमियाँ नहीं होता।

जीने को जीते रहते हैं वो भी अपनी जिन्दगी
जिन्हें कभी नसीब जमीं आसमान नहीं होता।

मंगलवार, 5 मई 2009

तेरा गरूर तुझको मिटा देगा


तेरा गरूर तुझको मिटा देगा।
जो नहीं देखा वो दिखा देगा॥ 

हैवान की जगह इंसान बनो 
गुलदस्ते की तरह खिला देगा।  

गैरों से सबक ले बदला न ले 
सबक शान्ति,बदला सजा देगा।

तू इन्सान ही बन खुदा न बन
तुझे हर एक जगह जमा देगा।

उसकी मार दिखायी नहीं देती 
उससे डर नहीं तो वो डरा देगा।

तू कुछ भी नहीं है उसके आगे
पहले झुक नहीं तो झुका देगा।

अपने प्रभु की पूजा किया कर
वो तुझे सब कुछ ही दिला देगा।

शनिवार, 2 मई 2009

हम दम कोई मिला नहीं


हम दम कोई मिला नहीं।
                  फिर भी कोई गिला नहीं। 

महक जाता गुलशन मेरा
                पर फूल कोई खिला नहीं।

सिमट के रह गया ख़ुद में 
             कहीं पाया कोई सिला नहीं।

कैसे निभाते बतलाएं जरा 
                  खुदी से कोई हिला नहीं।

आज की शाम चलो मेरे संग ना


आज की शाम चलो मेरे संग ना।
   खा पी कर के लगो मेरे अंग ना॥

झूमेंगे गायेंगे मस्ती मनाएंगे
    जहाँ भी कहोगे वहीं घुमाएंगे
वादा रहा करूंगा तुझको तंग ना॥

आंखों में अपनी आँखें होगी 
         बाँहों में अपनी बाहें होगी  
प्यार के सिवा होगी कोई जंग ना॥

तेरा असर ऐसा कहूँ कैसा
    तेरे आगे क्या रूपया पैसा
 तेरे सिवा मुझपे चढ़े कोई रंग ना॥ 

तुझसे ही है जीवन मेरा
        सब कुछ मेरा अब है तेरा 
 हो न जुदा कभी तेरा मेरा ढंग ना

मंगलवार, 28 अप्रैल 2009

अपने दिल में बिठा लिया है मेरे यार ने मुझे


अपने दिल में बिठा लिया है मेरे यार ने मुझे।
जिन्दगी जीना सिखा दिया है मेरे यार ने मुझे।

मैं जी रहा था जिन्दगी होशो हवास खोकर
जिन्दगी से ही मिला दिया है मेरे यार ने मुझे।

मोहब्बत से ही महकती है ये जिन्दगी यहाँ 
मोहब्बत का सिला दिया है मेरे यार ने मुझे।

अब क्योंकर करूं परवाह मैं जमाने भर की 
भई फूल सा खिला दिया है मेरे यार ने मुझे।

रविवार, 26 अप्रैल 2009

इस दुनिया में आ के, दिल से दिल लगा के


इस दुनिया में आ के, दिल से दिल लगा के
जिसने प्यार न किया,उसने यार न जिया

झूम लो गा लो, मौज मना लो
इस जीवन को, रंगीन बना लो
कुछ न मिलेगा जग में,याद रखो, शरमा के
जिसने प्यार न किया, उसने यार न जिया

लेने से अच्छा, प्यारे देना सीखो
रोने से अच्छा, गर हँसना सीखो
रोने वाला क्या पायेगा, रो के और रुला के
जिसने प्यार न किया,उसने यार न जिया

दिल न तोड़ो,कभी किसी का
सीख लो प्यारे, जीने का सलीका
ऐसा न हो जाना पड़े, दुनिया से पछता के
जिसने प्यार न किया,उसने यार न जिया

इस दुनिया में आके, दिल से दिल लगा के
जिसने प्यार न किया,उसने यार न जिया





शनिवार, 25 अप्रैल 2009

मुझको हो गया है प्यार आज कल


मुझको हो गया है प्यार आज कल
        दिलको आ गया है करार आज कल।

उसको देखूं तो जाने क्यों देखता रहूँ
         कुछ भी करने को तैयार आज कल।

खूब करता हूँ दिलकी बात दिलवर से
       दिलपे छाया एक दिलदार आज कल।

दौड़ने लगा मुझमें बिजली का करंट
       बिजली से जुडा जैसे तार आज कल।

उसके ही ख्यालों में अब डूबा रहता
       हमेशा रहे उसका इंतज़ार आज कल।

डूबे हुए हम दोनों अखरस बतरस में
         छूने को दोनों ही बेकरार आज कल।

शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009

वो जिस थाली में खाये उसी में छेद कर देता


वो जिस थाली में खाये उसी में छेद कर देता।   
पता अगर चल जाए तो प्रकट खेद कर देता॥ 

बड़ा ही सोच समझ के दोस्ती का हाथ बढ़ाये
प्यार जताये इतना कि दो दिल एक कर देता।

अपना अपना कह के जिसको अपना बनाये
पता नहीं चलता उसको मटिया मेट कर देता।

प्यार मोहब्बत से मिल के जो जीते हैं जीवन
उनके दिल का खास बन उनमें भेद कर देता।

बेशर्मी उसके आगे एक पल भी टिक न पाये  
दांत निपोर के आगे  वो अपना पेट कर देता।

वो अपने शहर में आबाद है उसे क्या



वो अपने शहर में आबाद है उसे क्या।
          उसकी वजह कोई बरवाद है उसे क्या।

जब भी बोलता है तो बोलता ही रहता
           कौन हुआ उस से नाशाद है उसे क्या।

समझाओ तो समझने को तैयार नहीं
           समझे ख़ुदको वो उस्ताद है उसे क्या।

जो भी उसको भाता बस वही करता
              अपनी नज़र में आजाद है उसे क्या।

बैठ गया वो कुर्सी पर करने को फैसला
         भले ही करे कोई फरियाद है उसे क्या।

गुरुवार, 16 अप्रैल 2009

जब से तुझसे आँख मेरी लड़ गई रे


जबसे तुझसे आँख मेरी लड़ गई रे
बिना पिए ही जैसे मुझको चढ़ गई रे

छुप के तुझको देखने लगा हूँ
आँखें मैंअपनी सेकने लगा हूँ
मेरे दिल की अंगूठी में तू जड़ गई रे।

रात भर मैं जगने लगा हूँ
ठंडी आहें भरने लगा हूँ
निंदिया जैसे मेरी आंखों से उड़ गई।

कुछ भी मुझको भाता नहीं है
समझ में कुछ भी आता नहीं है
तेरी चाहत में हालत बिगड़ गई रे।


बुधवार, 15 अप्रैल 2009

प्यार नहीं है तो जताता क्यों है


प्यार नहीं है तो जताता क्यों है।
       सरेआम फिर मुझको बनाता क्यों है॥ 

माना कि जमाने में बड़ा नाम है तेरा
             बता मेरे दिल को जलाता क्यों है।

जुबान दी है तो उसको निभाओ भी
         जुबान से सभी को भरमाता क्यों है।

पीते वक्त जरा होश तो रखा कर 
   संभाल खुदको फिर लड़खडाता क्यों है।

अक्ल को अपने पास रख अच्छा होगा
    बता गैरों को इतना तू समझाता क्यों है।

अपनी नज़र में सभी चतुर हुआ करते
    खुदको सबसे बड़ा चतुर बताता क्यों है।




मंगलवार, 14 अप्रैल 2009

जानू न मैं ये जाने न तू ये


जानू न मैं ये,जाने न तू ये
कब हो गया अपना प्यार
कहता है अंग अंग
रहना अब तेरे संग
सातों जन्म मेरे यार।

जब भी हम मिलते
मिल करके खिलते
झूठ नहीं हम
कहते हैं दिल से
देखो इन आंखों में
देखो इन साँसों में
छाया है तेरा खुमार।

मैं तेरे काबिल
तुम मेरे काबिल
जीवन हो जीवन
गर तुम हो हासिल
अब मैं हूँ तुझ से
अब तुम हो मुझ से
दिलवर मेरे दिलदार।

साथ जिऊंगा
साथ मारूंगा
जो तुम कहोगी
वो ही करूंगा
सुन जाने जाना
मैं हूँ दीवाना
तुझे पाने को बेकरार।



शनिवार, 11 अप्रैल 2009

पहले नज़र मिली फ़िर उस से बात हो गई।


पहले उससे नज़र मिली फ़िर बात हो गई।
धीरे-धीरे जाने कब वो हमख्यालात हो गई॥ 

जरूर होगा ऊपर वाले का रहम ओ करम
थी जिसकी तलाश उससे मुलाकात हो गई।

कट रहे दिन-रात मेरे मस्तियों में आजकल
मस्त-मस्त अब तो मेरी हर एक रात हो गई।

एक दूजे पर खुशी से खुशी लुटा रहे हैं हम
हम डाल-डाल पर तो वो पात-पात हो गई।



शुक्रवार, 3 अप्रैल 2009

मतदाताओ


मतदाताओ 
किसी का  न भय करो,अपना नेता तय करो।
तभी उसकी जय करो,तभी उसकी जय करो॥ 
आओ मिल कर चुने हम सब नेता जो हैं भले।
ताकि जीवन  और देश जिन से ढंग खूब चले।
आँख बंद कर आख़िर कब तक सोते यूँ रहोगे।
अपनी किस्मत पे भला कब तक यूँ रोते रहोगे॥

सदा ही झूठे वादों द्वारा हम लपेटे हैं
अक्ल से अपने आप में हम समेटे गए हैं
सबकी सुनके कभी नीति भी अपनी बनाओ
दिखावा छोड़ वोटर अपनी भी अक्ल लगाओ

डरने की तो प्यारे कहीं कोई बात नहीं है
जीने मरने में होता कभी कोई साथ नहीं है
जैसा हो माहौल तुम्हारा वैसे ही ढल जाओ
जो सब के ही हित में हो वैसे चल जाओ

सबका हित जो चाहे सचमुच नेता है वही
हित कहे अहित करे वो अपना नेता है नहीं
जब तक न बदलोगे प्यारे कुछ भी न बदलेगा
सिर्फ़ जीवन का दुःख दर्द आँखों से छलकेगा

बुधवार, 1 अप्रैल 2009

सोलह श्रंगार करके खुदको सजाया


सोलह श्रंगार करके खुदको सजाया
उसके काबिल मैंने खुदको बनाया
कहके बेदर्दी न आया
पागल मुझको बनाया

दो दिन से आंखों की नीदें उड़ी थी
मिलने की उस से उम्मीदें जुड़ी थी
उम्मीदों पे पानी फिराया
पागल मुझको बनाया

मन की बात मेंरे मन में ही रह गई
तन की आग मेंरे तन में ही रह गई
तन-मन उसने जलाया
पागल मुझको बनाया

परदेश जा के परदेशी हो गया वो
जाने किसके चक्कर में खो गया वो
जो ऐसे मुझको भुलाया
पागल मुझको बनाया

मंगलवार, 31 मार्च 2009

जालिम दिल तोड़ गया


जालिम दिल तोड़ गया।
          भटकने को छोड़ गया॥ 

जीवन भर ग़मों से
            रिश्ता मेरा जोड़ गया।

लेकर गया जीवन रस
            तन-मन निचोड़ गया।

लाकर दो राहे पर
           जीवन रुख मोड़ गया।

प्यार में धोखा देकर 
          मुझको झकझोड़ गया।




शनिवार, 28 मार्च 2009

मैंने उसको किया कभी मना ही नहीं


मैंने उसे किया कभी मना ही नहीं। 
          मगर उसने मुझे कभी छुआ ही नहीं॥ 

उसका अंदाज ही जहाँ से निराला लगे
             वैसा कोई मुझे कभी लगा ही नहीं।

बना रहता वो हर पल मेंरे सामने 
                 फ़िर भी मन कभी भरा ही नहीं।

समाया हुआ है मुझमें उसका ही नशा
           उसके नशा जैसा कोई नशा ही नहीं।

वो मेरी हर समस्या सुलझाना चाहते है

मेरा आशिक 

वो मेरी हर समस्या सुलझाना चाहते हैं।
शायद इसी बहाने मुझे
 फुसलाना चाहते हैं॥ 


हर तरह यकीन दिलाते हुए नहीं थकते
        सारे 
ही जमाने को झुठलाना चाहते हैं।


हाय जाने उन्हें क्या दिख गया मुझमें
        मेरी लिए सभी को ठुकराना चाहते हैं।


आशिक बहुत देखे मगर ऐसे न देखे 
           तन-मन-धन से लुट जाना चाहते हैं।

कहते हैं दुनियाँ मुझे रास नहीं आती
           लेकर 
मुझे कहीं उड़ जाना चाहते हैं।


दो पल नहीं जीवन भर साथ चाहिए
          इस तरह मुझसे 
जुड़ जाना चाहते हैं। 

गुरुवार, 26 मार्च 2009

जिन्दगी की जंग से यारो जूझना होगा


जिन्दगी की जंग से तुम्हें जूझना होगा।
         मोती के लिए सागर में डूबना होगा॥ 

बेताब होगा जरूर हर कोई सुनने को
   मगर कोयल सा मधुर तुम्हें कूकना होगा।

एक दिन जरूर मिलेगा मन का मीत
        उसके लिए दर-दर तुम्हें घूमना होगा।

सफलता काँटों से भरी हुआ करती है
         काँटों को तो प्यारे तुम्हें चूमना होगा।

मंगलवार, 24 मार्च 2009

लागा चुनरी में दाग के गीत के आधार पर गीत



प्यारा सजनी का प्यार भुलाऊं कैसे
भुलाऊं कैसे उसे घर लाऊं कैसे
प्यारा सजनी का प्यार ---

रूठी जब से मोरी सजनियाँ
प्यार से प्यारी मोरी सजनियाँ
जाके ससुराल में उसको मनाऊं कैसे
उसे घर लाऊं कैसे
प्यारा सजनी का प्यार ---

चली गई वो बिना बतलाये
तन तड़पे  मन मोरा घबराए
जाके ससुराल में उसको मनाऊं कैसे
उसे घर लाऊं कैसे
प्यारा सजनी का प्यार ---

कभी कभी मेरे मन में उठते
उलटे सीधे सवाल
बिन सजनी के सचमुच ही
ये जीवन है जंजाल
जाके ससुराल में उसको मनाऊं कैसे
उसे घर लाऊं कैसे
प्यारा सजनी का प्यार ---









बुधवार, 18 मार्च 2009

तीर कमान से चलाते नहीं सोचते सब घायल हो जायें


तीर कमान से चलाते नहीं 
              सोचते सब घायल हो जायें।
हुनर अपना दिखाते नहीं 
             सोचते सब कायल हो जायें।

इरादा हो तो कोई भी डायल 
                हो सकता तुम्हारे प्यार से
ऐसा नही कि बिना डायल किए 
                    मन के डायल हो जायें।

पहले पहले शुरूआत करनी 
             पड़ती अपनी तरफ़ से यारो
अगर तमन्ना है कि मेरे पैरों की 
                   सब ही पायल हो जायें।

मुस्कराने से भी आज परहेज 
                 करने लग गया हर कोई
अब आप ही बताओ ऐसे कैसे 
             सब ही तुम्हारे लायल जायें।