वो जिस थाली में खाये उसी में छेद कर देता।
पता अगर चल जाए तो प्रकट खेद कर देता॥
बड़ा ही सोच समझ के दोस्ती का हाथ बढ़ाये
प्यार जताये इतना कि दो दिल एक कर देता।
अपना अपना कह के जिसको अपना बनाये
पता नहीं चलता उसको मटिया मेट कर देता।
प्यार मोहब्बत से मिल के जो जीते हैं जीवन
उनके दिल का खास बन उनमें भेद कर देता।
बेशर्मी उसके आगे एक पल भी टिक न पाये
दांत निपोर के आगे वो अपना पेट कर देता।
बहुत अजीब है जनाब,दोस्ती के असूल।
जवाब देंहटाएंऐसे दोस्तो से रहना चाहिए सदा दूर।
Wah
जवाब देंहटाएंye hua n khula khel Farrukhabadi
कोई नेता सा लगता है!!
जवाब देंहटाएंप्रेम भाई!
जवाब देंहटाएंउसका नाम तो बताओ जरा।
हम उसे वोट नही देंगे।
अपनापन दिखलाता जो भी क्या अपना होता है?
जवाब देंहटाएंसच्चे अर्थों में अपनापन तो सपना होता है।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
prem ji
जवाब देंहटाएंyeh to bataiye wo kaun hai...........kya koi neta?