मुझको हो गया है प्यार आज कल
दिलको आ गया है करार आज कल।
उसको देखूं तो जाने क्यों देखता रहूँ
कुछ भी करने को तैयार आज कल।
खूब करता हूँ दिलकी बात दिलवर से
दिलपे छाया एक दिलदार आज कल।
दौड़ने लगा मुझमें बिजली का करंट
बिजली से जुडा जैसे तार आज कल।
उसके ही ख्यालों में अब डूबा रहता
हमेशा रहे उसका इंतज़ार आज कल।
डूबे हुए हम दोनों अखरस बतरस में
छूने को दोनों ही बेकरार आज कल।
उसके ही ख्यालों में अब डूबा रहता
जवाब देंहटाएंहमेशा रहे उसका इंतज़ार आज कल
बहुत ही बढ़िया रचना . लिखते रहिये
बधाई .
सुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंनहीं है चाहत और खयालों में न डूबें।
प्यार करूँ तो होता है बुखार आजकल।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
मन को छूती हुई रचना.
जवाब देंहटाएंउसके ही ख्यालों में अब डूबा रहता
जवाब देंहटाएंहमेशा रहे उसका इंतज़ार आज कल
रचना बहुत अच्ची लगी।आप मेरे ब्लाग पर आए इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।आगे भी हर सप्ताह आप को ऐसी ही रचनाएं मेरे सभी ब्लाग्स पर मिलेगी,सहयोग बनाए रखिए......
प्रेम जी,
जवाब देंहटाएंक्या बात है!!
दिल को भा गयी हैं ये पक्तियाँ. बधाई.
डूबे हुए हम दोनों अखरस बतरस में
छूने को दोनों ही बेकरार आज कल।
दौड़ने लगा मुझमें बिजली का करंट
जवाब देंहटाएंबिजली से जुडा जैसे तार आज कल।
एक अलग-सी और बिलकुल नए अंदाज़ में
दिल की बात कह दी आपने तो ......
प्रयोग और प्रयास अच्छा है
बधाई
---मुफलिस---