जिन्दगी की जंग से तुम्हें जूझना होगा।
मोती के लिए सागर में डूबना होगा॥
बेताब होगा जरूर हर कोई सुनने को
मगर कोयल सा मधुर तुम्हें कूकना होगा।
एक दिन जरूर मिलेगा मन का मीत
उसके लिए दर-दर तुम्हें घूमना होगा।
सफलता काँटों से भरी हुआ करती है
काँटों को तो प्यारे तुम्हें चूमना होगा।
वाह प्रेम भाई। चलिए मैं भी इसी खानदान की एक तात्कालिक तुकबन्दी कर दूँ-
जवाब देंहटाएंबुलन्दी तक पहुँचने के खुले हैं रास्ते कितने।
मगर है राह सच्चा कौन सा ये ढ़ूँढ़ना होगा।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
भाई प्रेम फर्रूखाबादी जी।
जवाब देंहटाएंआपकी गजल बहुत सुन्दर है।
शब्द चयन अच्छा बन पड़ा है।
लिखते रहें।
बधाई।
कुल मिलकार पता चलता है
जवाब देंहटाएंकि मैं
एक मध्यवर्गीय परिवार से हूं
waah bahut hi badhiya
बहुत बढिया ...
जवाब देंहटाएंkhoobsoorat rachna
जवाब देंहटाएंbahut khubsurat rachna hai ji
जवाब देंहटाएं