तेरे प्यार की बदौलत जिन्दा हूँ अब तक
भूल कर अपना प्यार मुझसे कम न करो।
दिलो जान से हाजिर हूँ मैं तुम्हारी खातिर
अब और गुस्सा मेंरे वजीरे-आजम न करो।
आओ भूल जाएँ मिल कर सारे गिले शिकवे
अपना बना लो ख़राब यह मौसम न करो।
जख्में दिल अब भरने वाले नहीं हैं जल्दी
छोड़ दो इन्हें अब इन पर मरहम न करो।
मतलब में तो मीठे हो मगर हो कडुए तुम
जाओ मैं नहीं बोलती मेरा दम न भरो।
जब भी जो चाहते हो तुम करते हो वही
उसपे कहते रहते हो कोई गम न करो।
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bahut sundar bhav.
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