मेरा आशिक
वो मेरी हर समस्या सुलझाना चाहते हैं।
शायद इसी बहाने मुझे फुसलाना चाहते हैं॥
शायद इसी बहाने मुझे फुसलाना चाहते हैं॥
हर तरह यकीन दिलाते हुए नहीं थकते
सारे ही जमाने को झुठलाना चाहते हैं।
सारे ही जमाने को झुठलाना चाहते हैं।
हाय जाने उन्हें क्या दिख गया मुझमें
मेरी लिए सभी को ठुकराना चाहते हैं।
मेरी लिए सभी को ठुकराना चाहते हैं।
आशिक बहुत देखे मगर ऐसे न देखे
तन-मन-धन से लुट जाना चाहते हैं।
तन-मन-धन से लुट जाना चाहते हैं।
कहते हैं दुनियाँ मुझे रास नहीं आती
लेकर मुझे कहीं उड़ जाना चाहते हैं।
लेकर मुझे कहीं उड़ जाना चाहते हैं।
दो पल नहीं जीवन भर साथ चाहिए
इस तरह मुझसे जुड़ जाना चाहते हैं।
इस तरह मुझसे जुड़ जाना चाहते हैं।
अगर समस्या सुलझ रही हो,
जवाब देंहटाएंतो दल-दल में धँस जाना।
सोच समझ कर कदम बढ़ाना,
नाहक ही मत फँस जाना।।
हर तरह से यकीन दिलाते नहीं थकते
जवाब देंहटाएंवो सारे जमाने को झुठलाना चाहते हैं।
वाह। चलिए मेरी तरफ से भी एक तुकबंदी-
मिल के जुदा न होंगे ऐसा किया था वादा।
अब देखते ही मुझको मुड़जाना चाहते है।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsoman@gmail.com
सून्दर प्रयास। बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई,
जवाब देंहटाएंक्या बात है ...ऐसे भी चाहने वाले हैं
जवाब देंहटाएंमेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
आपकी रचना की चर्चा आज समयचक्र में
जवाब देंहटाएंसमयचक्र: चिठ्ठी चर्चा : आज " धरती -प्रहर" में एक वोट धरती को भी दीजिये