वो जिस थाली में खाये उसी में छेद कर देता।
पता अगर चल जाए तो प्रकट खेद कर देता॥
बड़ा ही सोच समझ के दोस्ती का हाथ बढ़ाये
प्यार जताये इतना कि दो दिल एक कर देता।
अपना अपना कह के जिसको अपना बनाये
पता नहीं चलता उसको मटिया मेट कर देता।
प्यार मोहब्बत से मिल के जो जीते हैं जीवन
उनके दिल का खास बन उनमें भेद कर देता।
बेशर्मी उसके आगे एक पल भी टिक न पाये
दांत निपोर के आगे वो अपना पेट कर देता।