प्यार के समंदर उनमें सूख गए हैं।
या फ़िर वो मुझसे अब ऊब गए हैं॥
क्या सोचा था और क्या हो गया
लगता फैसला करके चूक गए हैं।
और कहीं दिल भी तो नहीं लगता
उनकी खातिर तन मन टूट गए हैं।
अब क्या प्यार नसीब होगा उनका
यह सोच के ग़मों में हम डूब गए हैं।
कुछ भी कहना अब मुमकिन नहीं
या तो हम लुटे हैं या वो लूट गए हैं।