जबसे जिन्दगी से उसका जाना हुआ।
मुस्कराए हुए मुझे एक ज़माना हुआ॥
जी रहा हूँ तड़प कर उसकी जुदाई में
यह दिल मेरा उजड़कर वीराना हुआ।
दिल से रखा था मैंने मुहब्बत में कदम
पर हर कदम पे खुदको रुलाना हुआ।
किसी को न मिले कभी ऐसी बेवफाई
जीते जी मेरा तो बस मर जाना हुआ।