कह दो यह दिलवर मेंरे कि हम हो गये हैं तुम्हारे
जिंदगी अकेले संवरती नहीं कोई आकर इसे संवारे
मस्त हवा सी चलने लगी,तन मन जैसे हरने लगी
बाँहों में मेरी आ जाओ ,दिल मेरा यह तुम्हें पुकारे।
जिंदगी अकेले संवरती नहीं कोई आकर इसे संवारे
एक दूजे के हो जाएँ हम,एक दूजे में खो जाएँ हम
फिर मिलें या न मिलें,हम को ये खुश्बू और नज़ारे।
जिंदगी अकेले संवरती नहीं कोई आकर इसे संवारे
प्यार बिना कोई जीना है,मैं ही नहीं कहता जहाँ है
खुशियाँ उसी को मिलीं हैं, प्यार में जो भी लुटा रे।
जिंदगी अकेले संवरती नहीं कोई आकर इसे संवारे