ख़ुशी से जीने की खातिर मन भी किया करो।
ख़ुशी अगर न मिले तो भजन भी किया करो॥
हो गयी हो कमजोर नजर तो सुनिये मेरी बात
सोने से पहले आँखों में अंजन भी किया करो।
सही गलत का गर फैसला न हो पाये आपसे
बैठ अकेले कहीं चिन्तन मंथन भी किया करो।
देखो कभी इससे कभी उससे काम न चलेगा
किसी का होना है तो समर्पण भी किया करो।
मनोदशा तभी तुम्हारी शुध्द सरल रह पाएगी
कभी शुद्ध साहित्य का सेवन भी किया करो॥
वाह! प्रेम जी, हर एक शब्द लाज़वाब है... आभार!!
जवाब देंहटाएं"रामकृष्ण"
बेहतर ही किया करो बेहतर होगा....सही कहा आपने
जवाब देंहटाएंनज़र कमजोर हो गयी हो तो क्या हुआ
जवाब देंहटाएंसोने से पूर्व आँखों में अंजन किया करो।
सोना ही नसीब नहीं
सुन्दर रचना
बहुत सुन्दर लिखा है आपने ... ये शेर अच्छा लगा ...
जवाब देंहटाएंकभी इससे कभी उससे काम न चलेगा
एक का होके समर्पण जीवन किया करो।
achcha laga.
जवाब देंहटाएं