शनिवार, 2 मई 2009

हम दम कोई मिला नहीं


हम दम कोई मिला नहीं।
                  फिर भी कोई गिला नहीं। 

महक जाता गुलशन मेरा
                पर फूल कोई खिला नहीं।

सिमट के रह गया ख़ुद में 
             कहीं पाया कोई सिला नहीं।

कैसे निभाते बतलाएं जरा 
                  खुदी से कोई हिला नहीं।

आज की शाम चलो मेरे संग ना


आज की शाम चलो मेरे संग ना।
   खा पी कर के लगो मेरे अंग ना॥

झूमेंगे गायेंगे मस्ती मनाएंगे
    जहाँ भी कहोगे वहीं घुमाएंगे
वादा रहा करूंगा तुझको तंग ना॥

आंखों में अपनी आँखें होगी 
         बाँहों में अपनी बाहें होगी  
प्यार के सिवा होगी कोई जंग ना॥

तेरा असर ऐसा कहूँ कैसा
    तेरे आगे क्या रूपया पैसा
 तेरे सिवा मुझपे चढ़े कोई रंग ना॥ 

तुझसे ही है जीवन मेरा
        सब कुछ मेरा अब है तेरा 
 हो न जुदा कभी तेरा मेरा ढंग ना

मंगलवार, 28 अप्रैल 2009

अपने दिल में बिठा लिया है मेरे यार ने मुझे


अपने दिल में बिठा लिया है मेरे यार ने मुझे।
जिन्दगी जीना सिखा दिया है मेरे यार ने मुझे।

मैं जी रहा था जिन्दगी होशो हवास खोकर
जिन्दगी से ही मिला दिया है मेरे यार ने मुझे।

मोहब्बत से ही महकती है ये जिन्दगी यहाँ 
मोहब्बत का सिला दिया है मेरे यार ने मुझे।

अब क्योंकर करूं परवाह मैं जमाने भर की 
भई फूल सा खिला दिया है मेरे यार ने मुझे।

रविवार, 26 अप्रैल 2009

इस दुनिया में आ के, दिल से दिल लगा के


इस दुनिया में आ के, दिल से दिल लगा के
जिसने प्यार न किया,उसने यार न जिया

झूम लो गा लो, मौज मना लो
इस जीवन को, रंगीन बना लो
कुछ न मिलेगा जग में,याद रखो, शरमा के
जिसने प्यार न किया, उसने यार न जिया

लेने से अच्छा, प्यारे देना सीखो
रोने से अच्छा, गर हँसना सीखो
रोने वाला क्या पायेगा, रो के और रुला के
जिसने प्यार न किया,उसने यार न जिया

दिल न तोड़ो,कभी किसी का
सीख लो प्यारे, जीने का सलीका
ऐसा न हो जाना पड़े, दुनिया से पछता के
जिसने प्यार न किया,उसने यार न जिया

इस दुनिया में आके, दिल से दिल लगा के
जिसने प्यार न किया,उसने यार न जिया





शनिवार, 25 अप्रैल 2009

मुझको हो गया है प्यार आज कल


मुझको हो गया है प्यार आज कल
        दिलको आ गया है करार आज कल।

उसको देखूं तो जाने क्यों देखता रहूँ
         कुछ भी करने को तैयार आज कल।

खूब करता हूँ दिलकी बात दिलवर से
       दिलपे छाया एक दिलदार आज कल।

दौड़ने लगा मुझमें बिजली का करंट
       बिजली से जुडा जैसे तार आज कल।

उसके ही ख्यालों में अब डूबा रहता
       हमेशा रहे उसका इंतज़ार आज कल।

डूबे हुए हम दोनों अखरस बतरस में
         छूने को दोनों ही बेकरार आज कल।

शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009

वो जिस थाली में खाये उसी में छेद कर देता


वो जिस थाली में खाये उसी में छेद कर देता।   
पता अगर चल जाए तो प्रकट खेद कर देता॥ 

बड़ा ही सोच समझ के दोस्ती का हाथ बढ़ाये
प्यार जताये इतना कि दो दिल एक कर देता।

अपना अपना कह के जिसको अपना बनाये
पता नहीं चलता उसको मटिया मेट कर देता।

प्यार मोहब्बत से मिल के जो जीते हैं जीवन
उनके दिल का खास बन उनमें भेद कर देता।

बेशर्मी उसके आगे एक पल भी टिक न पाये  
दांत निपोर के आगे  वो अपना पेट कर देता।

वो अपने शहर में आबाद है उसे क्या



वो अपने शहर में आबाद है उसे क्या।
          उसकी वजह कोई बरवाद है उसे क्या।

जब भी बोलता है तो बोलता ही रहता
           कौन हुआ उस से नाशाद है उसे क्या।

समझाओ तो समझने को तैयार नहीं
           समझे ख़ुदको वो उस्ताद है उसे क्या।

जो भी उसको भाता बस वही करता
              अपनी नज़र में आजाद है उसे क्या।

बैठ गया वो कुर्सी पर करने को फैसला
         भले ही करे कोई फरियाद है उसे क्या।

गुरुवार, 16 अप्रैल 2009

जब से तुझसे आँख मेरी लड़ गई रे


जबसे तुझसे आँख मेरी लड़ गई रे
बिना पिए ही जैसे मुझको चढ़ गई रे

छुप के तुझको देखने लगा हूँ
आँखें मैंअपनी सेकने लगा हूँ
मेरे दिल की अंगूठी में तू जड़ गई रे।

रात भर मैं जगने लगा हूँ
ठंडी आहें भरने लगा हूँ
निंदिया जैसे मेरी आंखों से उड़ गई।

कुछ भी मुझको भाता नहीं है
समझ में कुछ भी आता नहीं है
तेरी चाहत में हालत बिगड़ गई रे।


बुधवार, 15 अप्रैल 2009

प्यार नहीं है तो जताता क्यों है


प्यार नहीं है तो जताता क्यों है।
       सरेआम फिर मुझको बनाता क्यों है॥ 

माना कि जमाने में बड़ा नाम है तेरा
             बता मेरे दिल को जलाता क्यों है।

जुबान दी है तो उसको निभाओ भी
         जुबान से सभी को भरमाता क्यों है।

पीते वक्त जरा होश तो रखा कर 
   संभाल खुदको फिर लड़खडाता क्यों है।

अक्ल को अपने पास रख अच्छा होगा
    बता गैरों को इतना तू समझाता क्यों है।

अपनी नज़र में सभी चतुर हुआ करते
    खुदको सबसे बड़ा चतुर बताता क्यों है।




मंगलवार, 14 अप्रैल 2009

जानू न मैं ये जाने न तू ये


जानू न मैं ये,जाने न तू ये
कब हो गया अपना प्यार
कहता है अंग अंग
रहना अब तेरे संग
सातों जन्म मेरे यार।

जब भी हम मिलते
मिल करके खिलते
झूठ नहीं हम
कहते हैं दिल से
देखो इन आंखों में
देखो इन साँसों में
छाया है तेरा खुमार।

मैं तेरे काबिल
तुम मेरे काबिल
जीवन हो जीवन
गर तुम हो हासिल
अब मैं हूँ तुझ से
अब तुम हो मुझ से
दिलवर मेरे दिलदार।

साथ जिऊंगा
साथ मारूंगा
जो तुम कहोगी
वो ही करूंगा
सुन जाने जाना
मैं हूँ दीवाना
तुझे पाने को बेकरार।