गुरुवार, 17 सितंबर 2009

ऐ मेरे दिल बता इतना बेकरार क्यों होता है


ऐ मेरे दिल बता इतना बेकरार क्यों होता है।
जो नहीं आयेगा उसका इंतज़ार क्यों होता है।

जिसने यूँ ही तड़पने के लिए छोड़ दिया मुझे
ऐसे दिलवर पर तुझको ऐतबार क्यों होता है।

वफ़ा शब्द का जिनको मायने तक पता नहीं
जाने वफादारों में उनका शुमार क्यों होता है।

मैंने तो दिलो जान से उनसे वफ़ा निभाई थी
मुझ सा वफादार फ़िर नागवार क्यों होता है।

शनिवार, 12 सितंबर 2009

दोस्त दिल की मजबूरी मेरी भूल बन कर रह गयी


दोस्त दिल की मजबूरी मेरी भूल बन के रह गयी। 
देखते ही देखते सपनों की दुनियाँ धम से ढह गयी॥ 

उनकी सोच थी कुछ और मेरी सोच थी कुछ और
सोच से सोच टकरायी दोनों की जिन्दगी बह गयी।

बिना फैसलों के दुनियाँ में कुछ हासिल नहीं होता
यह मेरी किस्मत मुझसे रुला रुला करके कह गयी।

अक्सर दिल बहला लेता हूँ उसके हसीं ख्यालों से
मैं नहीं सह पाया उसकी जुदाई मगर वो सह गयी।

बुधवार, 9 सितंबर 2009

कोई दर्द बाँटता तो कोई खुशी बाँटता है


कोई दर्द बाँटता तो कोई खुशी बाँटता है।

जिसके पास जो होता वो वही बाँटता है॥

अँधेरों में जीना भी कोई जीना है दोस्त
जीना उसका जीना जो रोशनी बाँटता है।

दुष्ट तो
 किसी की भी ले सकता है जान 
पर सज्जन हमेशा ही जिन्दगी बाँटता है।

किसी को रुलाये वो बात 
किस काम की 
उसको सराहो जो सबको हँसी बाँटता है।

बुझदिल लोग ही जिया करते हैं उदासी में
दिलदार 
वो जो सबको ताजगी बाँटता है।

रविवार, 6 सितंबर 2009

माँ की लोरी प्यारी बेटी के लिए

चंदा की चाँदनी जैसी, मेरे घर में तू आयी है
साथ में अपने सारे जहाँ की, खुशियाँ लायी है

मारे खुशी के झूमें, मेरा सारा तन-मन
तुझको पा के ऐसे लगे, धन्य हुआ मेरा जीवन
सूने जीवन में आ के तूने,आशा की ज्योति जलायी है

मेरे मन-मन्दिर में तू , एक प्यारी सी मूरत है
तेरी सूरत में तो मुझको, दिखती अपनी सूरत है
देखके तेरा रूप सलोना, दिल की कली मुसकायी है

जीवन जीवन मेरा पा के तुझसी गुड़िया 
मैं तो कहूँ सबको मिले, तुझसी प्यारी गुड़िया
तेरे आने से जीवन में, खुशहाली सी छायी है

गुरुवार, 3 सितंबर 2009

ये गोरे गोरे गाल तेरे लिए


ये गोरे-गोरे गाल तेरे लिए
ये काले-काले बाल तेरे लिए

तू  है   मेरा   मैं  हूँ  तेरी
ये प्यारे सारा माल तेरे लिए

ये गोरे-गोरे गाल तेरे लिए 

तेरे लिए मैं खुद को सजाती
जैसा तू चाहे मैं वैसा बनाती
तेरी  मस्ती  में  ही  मदमाती 
ये मस्ती भरी चाल तेरे लिए

ये  गोरे-गोरे  गाल  तेरे  लिए 

तुझसे ही मेरी खुशियाँ हैं जांना
तुझसे ही मेरी दुनियाँ हैं जांना
मैं 
 तेरी दीवानी तू मेरा दीवाना
है य़े  दीवानी   बेहाल  तेरे लिए

ये  गोरे - गोरे  गाल  तेरे  लिए 

मेरे दिल का तू है शहजादा
मैं तेरी रानी तू मेरा राजा
आ जा मेरे दिल में समाजा

दूँगी खुदको उछाल तेरे लिए
ये गोरे-गोरे गाल तेरे लिए 





मंगलवार, 1 सितंबर 2009

जीवन में तुमसे ही हैं फूल झरे


जीवन में तुमसे ही हैं फूल झरे।
सूरत तेरी आँखों से टारे न टरे॥

कहाँ छुप गए कह कर मिलेंगे 
दिल कब से तेरा इंतज़ार करे।

साथ तेरे जो देखे हैं ख्वाब मैंने
ऐसा न हो रह जायें धरे के धरे।

बिन तेरे कैसे होगा जीना मेरा
तेरे बगैर जिन्दगी तारे न तरे।

दुनिया मेरी रंगीन है तुमसे ही
जिन्दगी लगे ही न तुमसे परे।

मेरे सामने ही रहा करो जानम
तेरी दूरियों से दिल बहुत डरे।

सोमवार, 31 अगस्त 2009

प्यार के समंदर उनमें सूख गए हैं


प्यार के समंदर उनमें सूख गए हैं।
या फ़िर वो मुझसे अब ऊब गए हैं॥

क्या सोचा था और क्या हो गया
लगता फैसला करके चूक गए हैं।

और कहीं दिल भी तो नहीं लगता
उनकी खातिर तन मन टूट गए हैं।

अब क्या प्यार नसीब होगा उनका
यह सोच के ग़मों में हम डूब गए हैं।

कुछ भी कहना अब मुमकिन नहीं
या तो हम लुटे हैं या वो लूट गए हैं।

शुक्रवार, 28 अगस्त 2009

मुझे चढ़ गयो प्यार का बुखार


मुझे चढ़ गयो प्यार का बुखार,
उतारो  करो जल्दी बलमा
देखो अब और न करो बेकरार,
उतारो करो जल्दी बलमा।

हीर   के राँझे   को लाओ
लैला के  मजनूँ को  लाओ
जाओ जाओ जल्दी जाओ
अब न बिल्कुल देर लगाओ
देखो  देर न  करो सरकार,
उतारो   करो जल्दी बलमा।

तड़प तड़प के मरि न जाऊं
ऐसे  में कुछ  करि न जाऊं
किसी  तरह में चैन न पाऊँ
कहाँ तक मैं ख़ुदको तडपाऊँ 
यूँ  ही खड़े  न रहो लाचार,
उतारो   करो जल्दी  बलमा।

तन-मन मेरा जलने लगा है
मति मेरी  यह हरने लगा है
सोच-सोच कर डरने लगा है
अपने आप ही मरने लगा है
मेरा जीना ही हुआ है दुश्वार 
उतारो   करो जल्दी बलमा।


गुरुवार, 27 अगस्त 2009

कोई मुझको यह बतादे कैसे उनको हम मनायें


कोई मुझको यह बतादे कैसे उनको हम मनायें।
पहले की तरह दिलवर कैसे उनको हम बनायें।

वफ़ा ही वफ़ा है दिल में नहीं वेवफा हूँ बिल्कुल
पर क्या करुँ यकीं यह कैसे उनको हम दिलायें।

दिल चीर के कभी भी देख लें वो नजदीक आकर
प्यार ही है इस दिल में कैसे उनको हम दिखायें।

जीना नहीं है जीना फ़िर भी जीने को जी रहा हूँ
हालत क्या हो गयी यह कैसे उनको हम बतायें।

मंगलवार, 25 अगस्त 2009

तेरे लिए मैं लाया हूँ प्यार भरा यह दिल


तेरे लिए लेकर आया हूँ प्यार भरा यह दिल।
क्या करूँ क्या न करूँ जो हो जाए हासिल॥

गोरा गोरा बदन यह तेरा मुझको लुभाये रे 
जितना देखूँ उतना पागल मुझको बनाये रे
चार चाँद लगाये मुखपे काला काला तिल।
क्या करूँ क्या न करूँ जो हो जाए हासिल।

तुझको पाना ही मेरा अरमान जाने जां ना 
तेरा मेरा रिश्ता यह लगता सदियों पुराना
तुझको पाकर ही जैसे जीवन जाएगा मिल।
क्या करूँ क्या न करूँ जो हो जाए हासिल।

प्यार की मस्ती में होगी प्यारी मुलाकातें
एक दूजे की बाँहों में गुजरेंगी अपनी रातें
तेरे प्यार की खुश्बू से दिल जाएगा खिल।
क्या करूँ क्या न करूँ जो हो जाए हासिल।