गुरुवार, 28 मई 2009

उसके प्यार का तम्बू ही उजड़ गया


उसके प्यार का तम्बू ही उजड़ गया।
तम्बू  ही नहीं बम्बू भी उखड गया॥

सदमा ए गम वो झेल नहीं पाया
उसका सारा हाल ही बिगड गया। 

कैसे लौट पायेगा अपने हाल में
दिल से उसका दिल ही हड़ गया।

कौन जाने अब क्या होगा आगे
हाल देख कर होश ही उड़ गया।

जीना चाहता था वो अपने ढंग से
मगर जीवन का रुख ही मुड़ गया।

लगे न प्रेम रोग कभी किसी को
बेचारा प्रेम चाह में ही कुड़ गया।

मंगलवार, 26 मई 2009

तन के रोगी मन के रोगी देखे गए



तन के रोगी मन के रोगी देखे गए।           
         प्यार में तड़पते हुए जोगी देखे गए॥ 

ओखली के अदंर पर चोट के बाहर
        बड़े ही चतुर जहाँ में भोगी देखे गए।

मतलब में तो मीठे पर वैसे हैं कडुए
          ढंग-ढंग के जहाँ में ढोंगी देखे गए।

आता जाता तो कुछ भी नहीं है 
          फिर भी फेंकते हुए पोंगी देखे गए

सोमवार, 25 मई 2009

दोस्ती से अच्छी लोग दुश्मनी निभा देते हैं


दोस्ती से अच्छी लोग दुश्मनी निभा देते हैं।
इंसानियत का गिरा हुआ रूप दिखा देते हैं॥ 

मुश्किल से बने है दुनिया में इज्जत यारो 
उसी इज्जत को लोग धूल में मिला देते हैं।

पहले दोस्त हुआ करता है कोई भी दुश्मन
दोस्त बनके दुश्मन जड़ से ही हिला देते हैं।

अगर आगे न निभे तो वहीं पर ही छोड़ दें
देवता बन कर क्यों राक्षस का सिला देते हैं।

रविवार, 24 मई 2009

आपको कभी दुखी होना नहीं चाहिए


आपको कभी दुखी होना नहीं चाहिए।
     आँसुओं में आँखें भिगोना नहीं चाहिए॥ 

फूलों की जगह भले कांटे मिलें
           मगर कांटे कभी बोना नहीं चाहिए। 

दुखों से हारिये मत जूझना सीखिए  
              हौसला टूटे तो रोना नहीं चाहिए। 

हर हालत में शान्ति बनाये रखें
            मन की शान्ति खोना नहीं चाहिए। 



मंगलवार, 19 मई 2009

जब तक न बुलाये कोई जाना नहीं चाहिए


जब तक न बुलाये कोई जाना नहीं चाहिए।
          जब तक न कहे कोई खाना नहीं चाहिए॥ 

कमजोरों को भी हक़ है दुनिया में जीने का
       कभी सितम उन पर कोई ढाना नहीं चाहिए। 

प्यार से मोहब्बत से लोग रहते हों जहाँ
       पुलिस का वहां पर कोई थाना नहीं चाहिए॥ 

सब कुछ कुर्बान कर देते लोग मोहब्बत में 
 पर कभी गलत फायदा कोई उठाना नहीं चाहिए॥ 

जिसे चाहो उसे माफ़ भी करते रहा करो यार 
  अपनों पर कभी कसना कोई ताना नहीं चाहिए। 

रविवार, 17 मई 2009

उसका आ के वापस जाना अच्छा नहीं लगता


उसका आ के वापस जाना अच्छा नहीं लगता।
 उसके बिना तो मौसम सुहाना अच्छा नहीं लगता॥

दर्द जुदाई का क्या समझेगा यह बेदर्द जमाना
     ऐसे में समझाना किसी का अच्छा नहीं लगता॥

जो होना था हुआ और कर भी क्या सकते हैं 
   चुप बैठ कर पछतावा करना अच्छा नहीं लगता॥ 

लाख कोशिशें की मैंने दिल को बहलाने की
    किसी तरह का कोई बहाना अच्छा नहीं लगता॥ 


 

रविवार, 10 मई 2009

सबसे प्यारी सब से न्यारी माँ होती है


माँ
सबसे प्यारी सब से न्यारी माँ होती है
अपने जिगर के टुकडों की जाँ होती है

सदा ही अपने बच्चों का रखती है वो ध्यान
जीती है वो देख देख कर उनकी मधुर मुस्कान
जहाँ भी होते उसके बच्चें वहाँ होती है।
सबसे प्यारी सब से न्यारी माँ होती है
अपने जिगर के टुकडों की जाँ होती है

बच्चों की खुशियों में ही वो समझे अपनी खुशी 
उनको दुःख में देख देख कर हो जाती है दुखी
बच्चों के संग धीरे ही धीरे रवाँ होती है।
सबसे प्यारी सब से न्यारी माँ होती है
अपने जिगर के टुकडों की जाँ होती है

बच्चों की मनोभावना

छोटू बोला लम्बू से
तू क्यों लंबा हो गया
बिजली का खम्बा हो गया। 

लम्बू बोला छोटू से
खूब खाना खा प्यारे
मुझसा लंबा हो जा रे। 

कभी नही जो रूठते
खाना खूब खाते हैं
मम्मी उनको प्यार करती
और पापा खूब घुमाते हैं।

मिलके करलो खुलके करलो साईं


मिलके करलो खुलके करलो साईं का गुनगान।
साईं का गुनगान करेगा हम सब का कल्याण॥

सुबह-शाम साईं की आरती उतार लो
आरती उतार अपनी जिंदगी संवार लो
मानो कहना नहीं तो वरना रहेंगे भटकते प्राण।

सच्चे मन से जो साईं दरबार में आया
जो भी कामना की वो उसने है  पाया
साईं कृपा से हो जाते है।  निर्धन भी धनवान।

भक्तों की सुनते मन की पुकार साईं
झोलियों में भरते अपना प्यार साईं
हर सुख का दाता है भक्तो साईं का एक ध्यान।

गुरुवार, 7 मई 2009

चाहने पर अक्सर किसी का मान नहीं होता


चाहने पर अक्सर किसी का मान नहीं होता।
दो दिन बाद कोई महमान महमान नहीं होता॥ 

बहुत पापड बेलने पड़ते हैं जिन्दगी में यारो
यूँ ही पूरा  दिल का कभी अरमान नहीं होता।

कोई न कोई स्वार्थ जरूर देखती है ये दुनिया 
खामखा कोई किसी पर महरबान नहीं होता।

सच्चे मन से जो करते रहते दूसरों का भला
उनका बेकार कभी कोई अहसान नहीं होता।

नफरतों का परिणाम होता है बड़ा ही घातक
मुसीबतों में भी कोई उनके दरमियाँ नहीं होता।

जीने को जीते रहते हैं वो भी अपनी जिन्दगी
जिन्हें कभी नसीब जमीं आसमान नहीं होता।

मंगलवार, 5 मई 2009

तेरा गरूर तुझको मिटा देगा


तेरा गरूर तुझको मिटा देगा।
जो नहीं देखा वो दिखा देगा॥ 

हैवान की जगह इंसान बनो 
गुलदस्ते की तरह खिला देगा।  

गैरों से सबक ले बदला न ले 
सबक शान्ति,बदला सजा देगा।

तू इन्सान ही बन खुदा न बन
तुझे हर एक जगह जमा देगा।

उसकी मार दिखायी नहीं देती 
उससे डर नहीं तो वो डरा देगा।

तू कुछ भी नहीं है उसके आगे
पहले झुक नहीं तो झुका देगा।

अपने प्रभु की पूजा किया कर
वो तुझे सब कुछ ही दिला देगा।