बताओ मुझे तुम तड़पता क्यों छोड़ गये।
दिल- दिमाग से तरसता क्यों छोड़ गये॥
क्या यही थी तेरे प्यार की गहराई दिलवर
दिल से लगा कर मचलता क्यों छोड़ गये॥
बैठ कर सकून से बातें भी नहीं कर पाये
ये तन-मन मेरा सुलगता क्यों छोड़ गये॥
कुछ कह जाते तो कुछ सुन जाते आखिर
मुझको बेसहारा सुबकता क्यों छोड़ गये॥
मेरी मुहब्बत मुझे मेरी भूल सी लग रही
कैसे सम्भलूंगी धड़कता क्यों छोड़ गये॥