प्यार के समंदर उनमें सूख गए हैं।
या फ़िर वो मुझसे अब ऊब गए हैं॥
क्या सोचा था और क्या हो गया
लगता फैसला करके चूक गए हैं।
और कहीं दिल भी तो नहीं लगता
उनकी खातिर तन मन टूट गए हैं।
अब क्या प्यार नसीब होगा उनका
यह सोच के ग़मों में हम डूब गए हैं।
कुछ भी कहना अब मुमकिन नहीं
या तो हम लुटे हैं या वो लूट गए हैं।
Pyar me aise samay aate rahate hai jab aisa ehsaas umdata hai..
जवाब देंहटाएंaapne bahut sundar varnan kiya hai pyar ki sundar aur sachchi abhiyakti..
bahut bahut badhayi...
कुछ भी कहना अब मुमकिन नहीं
जवाब देंहटाएंया तो हम लुटे हैं या वो लूट गए हैं।
सही है लुटे को क्या फर्क पडता है.
बेहतरीन
आनन्द आया पढ़कर.
जवाब देंहटाएंWAH, PREMJI MAJEDAAR LAG RAHI HAIN AAPKI RACHNAYEN.
जवाब देंहटाएंवाह-वा, बहुत सुन्दर सृजन!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब ग़ज़ल................
जवाब देंहटाएंहर बार की तरह
वाह !
क्या शे'र है
और कहीं दिल भी तो नहीं लगता
उनकी खातिर तन मन टूट गए हैं।
___बधाई !
कुछ भी कहना अब मुमकिन नहीं
जवाब देंहटाएंया तो हम लुटे हैं या वो लूट गए हैं।
वाह..वाह...शर्मा जी!
जिन्दाबाद!
प्यार के समंदर उनमें सूख गए हैं।
जवाब देंहटाएंया फ़िर वो मुझसे अब ऊब गए हैं
BAHOOT KHOOB LIKHA HAI .... LAJAWAB
वाह वाह क्या बात है ! बहुत अच्छा लगा पढ़कर !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन....आनन्द आया पढ़कर....!!
जवाब देंहटाएंKya socha tha aur ye kya ho gaya
जवाब देंहटाएंlagata faisala kar ke chook gaye hain
wah! aksar yahee lagata hai.
कुछ भी कहना अब मुमकिन नहीं
जवाब देंहटाएंया तो हम लुटे हैं या वो लूट गए हैं।
बहुत खूब...
हम भी बहुत लुटे हैं...
- सुलभ सतरंगी (यादों का इन्द्रजाल..)