रिश्ता दिल से दिल का जुडाके वो गए।
सब कुछ ठीक ही चल रहा था अब तक
जाने किस बात पे मुँह फुलाके वो गए।
रूठ भी गए तो मना लेंगे उन्हें प्यार से
हाय झटक मेरी बहियाँ छुडाके वो गए।
सोचा गुजार देंगे जीवन यह साथ-साथ
झुकना तो दूर मुझको झुकाके वो गए।
मन का दुःख अब किस से कहने जायें
कसम से तन-मन मेरा दुखाके वो गए।
सोचा गुजार देंगे जीवन यह साथ-साथ
जवाब देंहटाएंझुकना तो दूर मुझको झुकाके वो गए।
सुन्दर ब्यथा कथा और अभिव्यक्ति
अच्छी रचना
bahut hi sundar rachana .......unka to sahi me jawaab nahi hai
जवाब देंहटाएंsundar rachna ...........gahri thes lage dil ki pukar.
जवाब देंहटाएंसोचा गुजार देंगे जीवन यह साथ-साथ
जवाब देंहटाएंझुकना तो दूर मुझको झुकाके वो गए।
सब कर्मों के ही फल हैं।
बहुत बढ़िया नोक-झोंक रही।
बहुत ही सुन्दर रचना, मन को छू जाने वाली
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क्या आप थकी-थकी इंटरनेट स्पीड से परेशान हैं?
सब कुछ ठीक ही चल रहा था अब तक
जवाब देंहटाएंजाने किस बात पे मुँह फुलाके वो गए
आशिक की फितरत को बाखूबी उतार है आपने अपनी रचना में............ उम्दा, लाजवाब
waah premji
जवाब देंहटाएंjiyo
jiyo
bahut badhaai is umda rachnaa ke liye.........
man ki vyatha ka sundar chitran , prem ji ,badhia rachna.
जवाब देंहटाएंबहुत पसंद आई आपकी रचना
जवाब देंहटाएंआओ प्यार में रच बस एक दूजे को जवां करें।
जवाब देंहटाएंप्यार मेम रचे बसे लोग वाकई जवां रहते हैं कभी बूढे नहीं होते,सुन्दर सही सोच
श्याम सखा श्याम
आप सभी ब्लोगर मित्रों का मेरा हौसला बढाने के लिए दिल से धन्यबाद!!
जवाब देंहटाएंbahut sundar najm lagi..............
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