रविवार, 17 जनवरी 2010

लाखों में हँसीं जानम चेहरा यह तुम्हारा


लाखों में हँसीं जानम चेहरा यह तुम्हारा।
तभी तो दिल ने तुझको दिल में उतारा।

मौसम की तो तुम्हें दाद ही देनी चाहिए
प्यार से
जिसने तुम्हारा रूप ये निखारा।

पहली ही नज़र में मैं तो होश गवां बैठा
पता ही नहीं चला दिल तुझपे कब हारा।

हर अदा तुम्हारी लुभाती है दिल को प्रिये
लगता यह अंदाज़ तेरा सबसे ही न्यारा

ख्वाहिश है दिल की ये रहूँ तेरे आस पास

इस तरह तूने मुझे दिलो-दिमाग से मारा