रविवार, 26 जुलाई 2009

अपनों को अपनत्व दिखाएँ मिलें तो अहसास कराएँ


अपनों को अपनत्व दिखाएँ मिलें तो अहसास कराएँ
जिन्दगी आसान होगी साथ बैठें पल दो पल बिताएँ।

त्याग, क्षमा, धैर्य और प्रेम से ही रिश्ते जिन्दा रहते
गर भरोसा न हो तो जीवन में इन्हें जरूर अपनाएँ।

ज्यादा बातें करने से रिश्तों में तनाव आ ही जाता
हो सके अपनी इस आदत पर विवेक से काबू पाएँ।

हमेशा किसी से बात करने को मन नहीं करता है 
ऐसे हालात में भूल कर भी किसी के पास न जाएँ।

खासम खास की मदद करने की जरूर सोचते रहें  
ऐसा सोच कर अपनों को और अपने करीब लाएँ।