मतदाताओ
किसी का न भय करो,अपना नेता तय करो।
तभी उसकी जय करो,तभी उसकी जय करो॥
आओ मिल कर चुने हम सब नेता जो हैं भले।
ताकि जीवन और देश जिन से ढंग खूब चले।
आँख बंद कर आख़िर कब तक सोते यूँ रहोगे।
अपनी किस्मत पे भला कब तक यूँ रोते रहोगे॥
सदा ही झूठे वादों द्वारा हम लपेटे हैं
अक्ल से अपने आप में हम समेटे गए हैं
सबकी सुनके कभी नीति भी अपनी बनाओ
दिखावा छोड़ वोटर अपनी भी अक्ल लगाओ
डरने की तो प्यारे कहीं कोई बात नहीं है
जीने मरने में होता कभी कोई साथ नहीं है
जैसा हो माहौल तुम्हारा वैसे ही ढल जाओ
जो सब के ही हित में हो वैसे चल जाओ
सबका हित जो चाहे सचमुच नेता है वही
हित कहे अहित करे वो अपना नेता है नहीं
जब तक न बदलोगे प्यारे कुछ भी न बदलेगा
सिर्फ़ जीवन का दुःख दर्द आँखों से छलकेगा