तेरी मेरी जोड़ी खूब ही जमेगी
मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी
जलती है दुनिया तो जलने दे
प्रीति परवान यह अपनी चढ़ेगी
मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेंगी
दुनिया से दूर नई दुनिया बसायेंगे
तन मन की मीठी ज्योति जलाएंगे
वही करूँगा तू जो भी कहेगी।
मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी
मरते-मरते प्रेमियों ने कहा है
प्रीति बिना जीना जीना क्या है
प्रीति मिशाल ये अपनी बनेगी
मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी
गुजरेंगे जब हम तुम जहाँ से
चर्चायें होगी सबकी जुबाँ पे
दाँतों तले ऊँगली उनकी दबेगी
मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी
एक दूसरे के हम होकर रहेंगे
एक दूसरे में हम खोकर रहेंगे
रोशन दोंनों की जिन्दगी रहेगी
मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी