मंगलवार, 5 अक्तूबर 2010

तेरी मेरी जोड़ी बड़ा खूब ही जमेगी


तेरी मेरी जोड़ी खूब ही जमेगी
      मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी 
जलती है दुनिया तो जलने दे 
    प्रीति परवान यह अपनी चढ़ेगी 
मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेंगी

दुनिया से दूर नई दुनिया बसायेंगे
  तन मन की मीठी ज्योति जलाएंगे
वही करूँगा तू जो भी कहेगी।
         मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी

मरते-मरते प्रेमियों ने कहा है
       प्रीति बिना जीना जीना क्या है
प्रीति मिशाल ये अपनी बनेगी
         मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी

गुजरेंगे जब हम तुम जहाँ से
          चर्चायें होगी सबकी जुबाँ पे
दाँतों तले ऊँगली उनकी दबेगी 
         मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी

एक दूसरे के हम होकर रहेंगे
        एक दूसरे में हम खोकर रहेंगे
रोशन दोंनों की जिन्दगी रहेगी
        मैं भी खुश रहूँगा तू भी रहेगी




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