शुक्रवार, 26 जून 2009

कर लो यकीं मुझ पर जानम


करलो यकीं मुझ पर जानम प्यार हमारा झूठा नहीं।
 इतना सताया तुमने फ़िर भी दिल हमारा टूटा नहीं॥

कसम तुम्हारी तुम क्या जानो कितना तुम को चाहें
 जिस पल याद नहीं आई ऐसा पल कोई छूटा नहीं॥

एक दिन आएगा जब तुम महसूस करोगी मुझको
  मुझे पता मेरा मुकद्दर अब तक मुझसे रूठा नहीं॥

जब तक साँस रहेगी मेरी तब तक तुमको चाहेंगे
  यूँ तो देखे हैं लाखों मगर तुझसा कोई सूझा नहीं॥

तुम हो मेरी पहली चाहत तुम को कैसे भूल जायें
  प्यार की तुम फुलवारी सिर्फ़ प्यार का बूटा नहीं॥