हम दम कोई मिला नहीं।
फिर भी कोई गिला नहीं।
महक जाता गुलशन मेरा
पर फूल कोई खिला नहीं।
सिमट के रह गया ख़ुद में
कहीं पाया कोई सिला नहीं।
कैसे निभाते बतलाएं जरा
खुदी से कोई हिला नहीं।