शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2009

आज जिगर का टुकडा मुझसे दूर चला


बेटी की विदाई पर 
पिता की भाव भीनी सलाह

आज जिगर का टुकडा, मुझसे दूर चला।
कैसे बतलाऊँ दिल को, करके चूर चला।

मुबारक हो तुझको,नया तेरा जीवन
        चहकता रहे तेरा खुशियों से आँगन। 

सास - ससुर  की सदा सेवा  करना
    खुशियों से उनके जीवन को भरना
         भरेंगे वही तेरा खुशियों  से दामन।

साजन की ख़ुशी ही तेरी खुशी
      सँवरती ही जायेगी यह तेरी जिंदगी 
          सदा होकर रहेगा वो  तेरा साजन।

वहाँ प्यार अपना सभी को लुटाना 
     घुटना कभी न  किसी को घुटाना
       रिश्ता कायम रहेगा सदा तेरा पावन।







3 टिप्‍पणियां:

  1. मन की बहोत ही पावन भावनाओं
    के साथ रची गई मासूम कविता
    बधाई ...........!
    ---मुफलिस---

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  2. बहुत भावपूर्ण- बिटिया को सुन्दर सीख.

    बधाई इस रचना के लिए.

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