अगर प्यार मेरा प्रिये तुम्हें दिल से मंजूर होता।
तो बड़ा ही निराला अपना जीवन हुजूर होता॥
दूरियों की आग में इस तरह न सुलग रहे होते
मिल जाते तो दोनों के दिलों का गम दूर होता।
ये फूल भी शरमा जाते अपनी ख़ुशी देख कर
इस तरह दोनों के चेहरों पे चमकता नूर होता।
अगर वक्त ने डुबोया न होता खुद के गरूर में
तो आज अफ़सोस न होता न दिल चूर होता।