कभी कभी अपने ही फैसले हमें नहीं सुहाते हैं।
अन्दर ही अन्दर हम चीखते और चिल्लाते हैं।
दुनिया में लोग अपनी सोच पे ही लिया करते
कभी खुदको रुलाते तो कभी खुदको हँसाते हैं।
अपनों की सलाह भी हमको मान लेनी चाहिए
जो भी मानते वो अक्सर ही आगे बढ़ जाते हैं।
जो लेते रहते सीख गैरों की गलतियों से सदा
वही लोग अपने को जीवन में बेहतर बनाते हैं।