गुरुवार, 28 जनवरी 2010

इस दुनिया में छोड़ जाओ प्यारे ऐसे अपने निशां


इस दुनियां में छोड़के जाओ ऐसे अपने निशां।
जिन पर चलके खुश हो दुनियां का हर इन्सां॥ 

प्यार की प्यारे फसल उगाओ चारों दिशाओं में
प्यार ही प्यार लहराये कुछ भी नजर आये ना।

देखो महापुरुषों के हैं जीवन त्याग से भरे हुए
मानवता की खातिर कर गये जीवन को कुर्बां।

वो जीवन क्या जीवन जिसे याद करे न कोई
जीवन वो जीवन जिसे याद करे सारा ये जहाँ।

एक दिन जाना होगा सबको छोड़ के ये दुनियां
जाना है तो ऐसे जाओ बन हर दिल के महमां।

8 टिप्‍पणियां:

  1. प्यार की प्यारे फसल उगादो चारों दिशाओं में
    प्यार ही प्यार लहराये कुछ भी नजर आये ना।
    शिक्षाप्रद एवं भावपूर्ण रचना

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  2. bahut sunder rachna prem ji ,

    प्यार की प्यारे फसल उगादो चारों दिशाओं में
    प्यार ही प्यार लहराये कुछ भी नजर आये ना।

    pyar hi pyaar.

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  3. देखो महापुरुषों के हैं जीवन त्याग से भरे हुए
    मानवता की खातिर कर गये जीवन को कुर्बां।

    -बेहतरीन! वाह प्रेम भाई.

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  4. एक दिन जाना होगा सबको छोड़ के ये दुनियां
    जाना है तो ऐसे जाओ बनके हर दिलके महमां।

    उत्तम विचार।

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  5. खूबसूरत रचना के माध्यम से सार्थक संदेश

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  6. एक दिन जाना होगा सबको छोड़ के ये दुनियां
    जाना है तो ऐसे जाओ बनके हर दिलके महमां ..

    जिंदगी का फलसफा है ये शेर ......... बहुत लाजवाब ........

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  7. प्यार की प्यारे फसल उगादो चारों दिशाओं में
    प्यार ही प्यार लहराये कुछ भी नजर आये ना।

    बहुत सुन्दर भावनाएँ हैं!

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