वो प्यार तेरा मस्ती भरा, अब तक मुझको याद है।
हाय वो तेरी प्यारी अदा, अब तक मुझको याद है॥
एक दूसरे के हुए थे पहली ही मुलाकात में हम
चाहत का वो हसीं लम्हा, अब तक मुझको याद है।
आँखों में मस्ती छायी थी और दिल भी धड़के थे
हाये वो दिल का धड़कना, अब तक मुझको याद है।
एक दूजे को देखे बिना हमें चैंन नहीं आता था
बेताबी का वो प्यारा नशा,अब तक मुझको याद है।
अच्छी रचना , बधाई
जवाब देंहटाएंबेताबी का दौर सनम वो अब तक मुझको याद है ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब प्रेम जी बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं.
प्रेम जी
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
आँखों में मस्ती छायी थी और दिल भी धड़के थे
हाये वो दिल की धड़कन अब तक मुझको याद है
क्या बात है
बहुत बहुत बधाई
umda rachna.
जवाब देंहटाएंSundar bhavabhivyakti....
जवाब देंहटाएंएक दूजे के हुए थे हम तुम पहली ही मुलाकात में
जवाब देंहटाएंचाहत का वो हसीं लम्हा अब तक मुझको याद है ....
बहुत खूब ......... लाजवाब शेर है ..... PAHLI MULAAKAAT TO BARSON YAAD RAHTI HAI .....
hm-tum kitne paagal tthe,
जवाब देंहटाएंab tk mujhko yaad hai...
ji haaN...
yaad to sirf is 'hum' ko hi rehta hai...
aur 'wo' har baat bhulaa kar bhi
bechain nahi....
achhee rachnaa hai .
wah wah!
जवाब देंहटाएंkaabele taareef rachna..
चुपके चुपके रात दिन.....!
जवाब देंहटाएंसुन्दर पैरोडी!