शुक्रवार, 16 अक्तूबर 2009

दिल से जो होता है, जग में सभी का

पैरोडी

है दुनियां उसी की जमाना उसी का...


दिल से जो होता है, जग में  सभी का।

उसको ही कहते हैं, फ़रिश्ता जमीं का॥


भला जो करेगा, भला उसका होगा 

उसके  पीछे  पीछे, हर  कोई  होगा 

आदमी वही करे जो,भला आदमी का।

उसको ही कहते हैं, फ़रिश्ता जमीं का।


गैरों के दुःख को, जो अपना बना ले

प्यार  से  बढ़  कर, गले  से लगा ले

करे  दूर दुःख जो, हर एक  दुखी का।

उसको ही कहते हैं,फ़रिश्ता जमीं का।


जो नफ़रत मिटा के,मुहब्बत सिखा दे

मुहब्बत से सबको, मुहब्बत सिखा दे 

चखा  दे  मज़ा  जो, इस  जिंदगी का।

उसको ही कहते हैं, फ़रिश्ता जमीं का।








8 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर रचना !!
    पल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
    जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!

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  2. sunder rachna....आपको और आपके परिवार को दीपावली की मंगल कामनाएं.

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  3. बहुत ख़ूब कहाजी.........

    वाह !

    आपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की

    हार्दिक बधाइयां

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  4. यह दिया है ज्ञान का, जलता रहेगा।
    युग सदा विज्ञान का, चलता रहेगा।।
    रोशनी से इस धरा को जगमगाएँ!
    दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!

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  5. करे दूर दुःख जो हर एक दुखी का ।
    उसको ही कहते फ़रिश्ता जमीं का।
    सार्थक बात -- बेहतरीन अभिव्यक्ति

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  6. " पढ़ते पढ़ते सांस कब रुक गयी पता ही नहीं चला ..."

    हा ...हा...हा... प्रेम जी कहीं सच-मुच सांस रुक गई तो मुझ पर हत्या का iljaam लग jayega ......!!

    दिल से जो होता है जग में सभी का
    उसको ही कहते हैं फ़रिश्ता जमीं का

    अब pta नहीं मैं usmein khri baithti हूँ या नहीं.....baharhaal lajwaab she'r ....!!

    गैरों के दुःख को जो अपना बनाले
    प्यार से बढ़ के जो गले से लगाले
    करे दूर दुःख जो हर एक दुखी का
    उसको ही कहते फ़रिश्ता जमीं का

    बहुत khoob ....!!

    आपकी rachnaon में हमेशा sadbhavna का sandesh होता है ....!!

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  7. आप सभी ब्लोगर मित्रों का मेरा हौसला बढाने के लिए दिल से धन्यबाद!!

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