उनसे दो बातें क्या कर ली
उनका तो दम ही घुटने लगा ।
पल भर में ही उन्हें लगा कि
जैसे सब कुछ ही लुटने लगा ।
तारीफ तो इस लिए की जाती
कि आत्मीयता बनी रहे आपस में
इसका मतलब यह नहीं कि जमाना
उसके आगे तन-मन से झुकने लगा।
वो बहुत ही खूबसूरत हैं शायद
किसी ने उनसे यह कह दिया
फ़िर क्या था फ़िर तो चाँद
बदली में जा के छुपने लगा।
एक से एक पड़े हैं खूबसूरत
चेहरे इस खूबसूरत जहाँ में
हाय जाने क्यों हर कोई शख्श
बेताबी से उनकी ओर मुड़ने लगा।
तारीफ इसलिए की जाती कि आत्मीयता बनी रहे
जवाब देंहटाएंइसका मतलब यह नहीं कि जमाना झुकने लगा।
सत्य वचन. खूबसूरत रचना
बहुत सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंतारीफ इसलिए की जाती कि आत्मीयता बनी रहे
जवाब देंहटाएंइसका मतलब यह नहीं कि जमाना झुकने लगा।
वो बहुत खूबसूरत हैं किसी ने उनसे जो कह दिया
फ़िर क्या फ़िर तो चाँद बदली में जाके छुपने लगा।
बहुत सुन्दर !
वो बहुत खूबसूरत हैं किसी ने उनसे जो कह दिया
जवाब देंहटाएंफ़िर क्या फ़िर तो चाँद बदली में जाके छुपने लगा।
ati sundar. badhaai
अद्भुत परिहास बोध आपकी ग़ज़ल में एक ताक़त भरता है।
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग पर पहली बार आया ! अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएंआपकी रचनाएँ काबिले-गौर व काबिले तारीफ हैं।
http://gunjanugunj.blogspot.com
sundar rachna hai prem ji ....... kaabile taareef ..
जवाब देंहटाएंआप सभी ब्लोगर मित्रों का मेरा हौसला बढाने के लिए दिल से धन्यबाद!!
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