सोमवार, 20 जनवरी 2020
कभी मेरे प्यार पर पैदा कोई भरम न करो
गुरुवार, 16 जनवरी 2020
मेरी फिल्मी पैरोडियां
1.
मेरे सपनों के राजा कब आओगे तुम
याद सताये, दिल घबराये
बहक गयी गर , दिल से दिलवर
प्रेम फ़र्रुखाबादी
2.
तुम्हें पाया तो पाया सब आज,
हाल बड़ा बेहाल था मेरा,
पूँछ रही थी सखियाँ मेरी,
धूप गयी अब आ गयी छाँव,
प्रेम फ़र्रुखाबादी
3.
कभी माता बनके, कभी पिता बनके
तुम दीपक रूप में आना
तुम रक्षक रूप में आना
तुम आत्म रूप में आना
तुम माझी रूप में आना
तुम सपन रूप में आना
4.
प्यारा सजनी का प्यार भुलाऊं कैसे
रूठी जब से मोरी सजनियाँ
चली गई वो बिना बतलाये
कभी कभी मेरे मन में उठते उलटे सीधे सवाल
5.
दिलरूबा मेरे अंग-अंग लग
दिलरूबा मेरे अंग-अंग लग
जन्म जन्म से तू, साथी मेरा
तेरे बिना मैं,जी न सकूँगी
6.
दिल से मुस्काके तू, दिल पर छा गया -2
हम कहें और क्या, हम सुनें और क्या
खाली खाली पड़ी थी,यह दिल की जमीं-2
अब कहूँ किस तरह, मस्त हुई इस तरह
7.
पैरोडी
भोले...ओ भोले...
कृष्णा…ओ कृष्णा…
जीवन में खुशियाँ भर दे
कोई ऐसा मुझको वर दे
जीवन में खुशियाँ भर दे
कोई ऐसा मुझको वर दे
मैं सोचूँ , न सोच पाऊँ
क्यों कोई, खुशी नहीं है
कहने को, जिंदगी यह
पर यह, जिंदगी नहीं है
मैं भक्त हूँ,तुम भगवान हो मेरे
इस तन के, तुम प्राण हो मेरे
मैं भक्त हूँ ,तुम भगवान हो मेरे
इस तन के, तुम प्राण हो मेरे
मैं तो इतना जानूँ
कोई जादू अपना कर दे
जीवन में खुशियाँ भर दे
कोई ऐसा मुझको वर दे
कृष्णा… ओ कृष्णा…
-प्रेम फर्रुखाबादी
8.
पैरोडी
ओ एक तू ऐ पिया….
तेरी कसम तूने मुझे परेशान ही कर दिया
तुझे कैसे समझाऊँ मुझे हैरान ही कर दिया
ओ दिल मेरे सुन जरा,मत हो किसी पे फिदा
अरे तेरी हरकतों ने किया,जीना मुश्किल ही मेरा
समझा समझा कर मैं तुझको थक गया हूँ
तेरी कसम बिल्कुल ही मैं तो पक गया हूँ
क्या हैं तेरे इरादे, मुझको यह बता दे
देखो बहुत सता लिया मुझको अब और न सता।
जिसको भी तू देखे वहीं हो जाये दीवाना
तेरी खातिर तो मुझको पड़ता है रे घबराना
मान जा मेरा कहना, सच कहता हूँ वरना
कहीं तेरी वजह से हो न जाये कोई हादसा।
छोड दे ऐसी आदत बन न जाये आफत
ऐसे नहीं होती है राह चलते कोई मुहब्बत
ऐसा नहीं होता हैं, जैसा तू करता है
कहीं पागल न बना दे यह प्यार का नशा।
-प्रेम फर्रुखाबादी
9.
पैरोडी
है दुनियां उसी की जमाना उसी का...
दिल से जो होता है, जग में सभी का।
उसको ही कहते हैं, फ़रिश्ता जमीं का॥
भला जो करेगा, भला उसका होगा
उसके पीछे पीछे, हर कोई होगा
आदमी वही करे जो,भला आदमी का।
उसको ही कहते हैं, फ़रिश्ता जमीं का।
गैरों के दुःख को, जो अपना बना ले
प्यार से बढ़ कर, गले से लगा ले
करे दूर दुःख जो, हर एक दुखी का।
उसको ही कहते हैं,फ़रिश्ता जमीं का।
जो नफ़रत मिटा के,उल्फत सिखा दे
मुहब्बत से सबको, मुहब्बत सिखा दे
चखा दे मज़ा जो, इस जिंदगी का।
उसको ही कहते हैं, फ़रिश्ता जमीं का।
-प्रेम फर्रुखाबादी
मंगलवार, 14 जनवरी 2020
मेरे गीत
बड़ी आशा लेकर आया हूँ, तेरे दर पे माँ भवानी
बड़ी देर से ही आ पाया हूँ, तेरे दर पे माँ भवानी
कुछ भी तो नहीं ठीक चल रहा आज मेंरे घर पे
कैसे कहूँ कितना घबराया हूँ,तेरे दर पे माँ भवानी
आपस में सब लड़ रहे हैं,एक दूजे पर चढ़ रहे हैं
खुदको नहीं दोषी माने,दोष दूसरों पर मढ़ रहे हैं
समझाने अगर बैठूं तो,एक नई कहानी गढ़ रहे हैं
राह पर ला के सबको ही, दुःख हर ले माँ भवानी
बड़ी आशा लेकर आया हूँ तेरे दर पे माँ भवानी
जीवन में कोई रस नहीं,कुछ भी तो मेरे बस नहीं
जतन किये फिर भी पकड में,आयी कोई नस नहीं
अपनी धुन में डूबे हैं सब, होते टस से मस नहीं है
बदल जाय सोच सभी की ऐसा वर दे माँ भवानी
बड़ी आशा लेकर आया हूँ तेरे दर पे माँ भवानी
तेरी शरण ही मेरा सहारा,दिल ने मेरे तुझे पुकारा
तेरे सिवा दुखियों का, कोई दिखता नहीं किनारा
देकर तूने अपनी शक्ति से अपने भक्तों को संवारा
अपने किसी चमत्कार से किरपा कर दे माँ भवानी
बड़ी आशा लेकर आया हूँ तेरे दर पे माँ भवानी
2.
छोड़ें अपने बैर को,माँगें सबकी खैर को
आओ मिलकर, हमदम, हमदम, हमदम
सोचें समझें,सोचें समझें,सोचें समझें,हम
खुशियाँ लुटाके, अपना लेंगे,सब के गम
छोड़ें अपने बैर को…
बेहतर से बेहतर, हम काम करेंगे
काम से ही अपने, हम नाम करेंगे
देखेंगे,एक दूजे में ना,कोई ख़म।
खुशियाँ लुटाके,अपनालेंगे,सबके गम
छोड़ें अपने बैर को…
आपस में हम सब,मिल के रहेंगे
फ़ूलों की तरह हम,खिल के रहेंगे
चाहे,लगाना पड़े,कितना भी,दम।
खुशियाँ लुटाके,अपनालेंगे,सबके गम
छोड़ें अपने बैर को..
बैठ कर अकेले हम,ध्यान करेंगे
नारी का समाज में,सम्मान करेंगे
इंसानियत का,मिलके,निभा देंगे,धरम।
खुशियाँ लुटाके,अपना लेंगे,सबके गम
छोड़ें अपने बैर को...
-प्रेम फर्रुखाबादी
3..
जैसे चाहो वैसे तुम जियो जिन्दगी
पर याद रहे न हो कोई तुमसे दुखी
अपने तरह जो रखे सबका ख्याल
रखने लगे हर कोई उसका ख्याल
आने लग जाती हर तरफ से ख़ुशी।
मस्त रहो मस्ती दो कहते हैं सभी
प्यार करो सबसे नफरत न कभी
छोड़ दो घुटन को फैलाओ ताजगी।
जैसे चाहो वैसे तुम जियो जिन्दगी
पर याद रहे न हो कोई तुझसे दुखी।
4.
प्यार भरे मेरे दीवाने, दिल को तोड़ कर
ऐसे कैसे जा सकते हो, मुझको छोड़ कर
कसमें खायीं थीं तुमने, साथ निभाने की
उलझी बातों की बातों से, बात बनाने की
भूले सब कसमें अपनी ,मुख को मोड़ कर।
याद करो अपनी, पहली पहली मुलाकातें
करते थे तुम मुझपे , प्यार भरी बरसातें
मिल कर जियेंगे यूँ ही, रिश्ता जोड़ कर।
चार दिनों में लगा कि, जैसे युग हो बीता
थकते नहीं थे कहके डिअर डार्लिंग रीता
तुमने तो रख दिया , मुझको झिंझोड़ कर।
5.
मँहगाई !
अब तो मार ही डालेगी मँहगाई
जीते जी ही खा लेगी मँहगाई
बेबस हुआ है शासन ही सारा
लुटेरों ने लूट है मचाई।
अब तो मार ही डालेगी मँहगाई।
भला कोई खरीदे क्या खाये
कुछ भी तो समझ में न आये
हर मुख से निकल रही आई।
अब तो मार ही डालेगी मँहगाई।
कहीं मिलती नहीं असली चीजें
हर तरफ ही मिलें नकली चीजें
हर नीयत में खोट है समाई।
अब तो मार ही डालेगी मँहगाई।
दया करुणा कर गयी किनारा
छोड़ कर इंसानियत बेसहारा
मच रही हर तरफ हाय- हाय।
अब तो मार ही डालेगी मँहगाई।
6.
तेरे दर की माँ सीढ़ियाँ जो चढ़ गया
जीवन में आगे ही आगे वो बढ़ गया
मैं भी तेरी सीढियां यही सोच कर चढ़ा हूँ
सुनले मेरी फ़रियाद तेरे सामने खड़ा हूँ
जय माँ भवानी, जय माँ भवानी,
जय माँ भवानी, जय माँ भवानी
करुँ तेरा गुणगान, करो मेरा कल्याण
करुँ तेरा गुणगान, करो मेरा कल्याण
जय माँ भवानी, जय माँ भवानी,
जय माँ भवानी, जय माँ भवानी।
हर लो माँ सब दुःख मेरे
आ के पड़ा हूँ दर पर तेरे
तेरा ही अब मुझको सहारा
हरो मेरा व्यवधान, हरो मेरा व्यवधान।
जय माँ भवानी, जय माँ भवानी
जय माँ भवानी, जय माँ भवानी।
जीवन से मैं ऊब गया हूँ
भवसागर में डूब गया हूँ
नीचे ही गिरता जाता हूँ
करो मेरा उत्थान, करो मेरा उत्थान।
जय माँ भवानी, जय माँ भवानी,
जय माँ भवानी, जय माँ भवानी।
कुछ भी मुझको भाये ना
कुछ भी समझ में आये ना
अज्ञानी हूँ मैं इस जग में
हरो मेरा अज्ञान ,हरो मेरा अज्ञान।
जय माँ भवानी, जय माँ भवानी,
जय माँ भवानी, जय माँ भवानी।
हर किसी ने मुझको लूटा
लगता है हर रिश्ता झूठा
झूठ नहीं मैं सच कहता हूँ
रिश्ता तेरा महान,रिश्ता तेरा महान।
जय माँ भवानी, जय माँ भवानी,
जय माँ भवानी, जय माँ भवानी।
-प्रेम फर्रुखाबादी
7.
जो पूरे न हों वो ख्वाब मुझे क्यों दिखलाते हो
तड़प तड़प कर आखिर मुझे क्यों तड़पाते हो
ऐसे भी कोई किसी को प्यार करता है
कभी इकरार तो कभी इंकार करता है
खाम खां किसी को बताओ क्यों उकसाते हो
जो पूरे न हों वो ख्वाब मुझे क्यों दिखलाते हो
कभी पास आ कर तो देखो हमदम मेरे
आखिर क्यों बेरुखी दिखाते हमदम मेरे
इस सोये हुए दिल को भला क्यों धड़काते हो
जो पूरे न हों वो ख्वाब मुझे क्यों दिखलाते हो
कहते बनता नहीं जो हुआ हाल हमारा
बिना तेरे अब तो होता नहीं मेरा गुजारा
प्यार मुझसे इतना करके भी क्यों कतराते हो
जो पूरे न हों वो ख्वाब मुझे क्यों दिखलाते हो
8.
अरे देखता है क्या छूकर मुझे देख
देख कर मजा न आयेगा तुझे शेख
हुस्न का मज़ा मुफ्त में लेने चला
पहले मेरा फिर कर अपना भला
पास आना तो कर जरा ढीली जेब
एक से बढ़ कर एक यहाँ आये
तुमसे बढ़ कर रंग यहाँ जमाये
मिट जाएगा न निकाल अपनी तेग
लगता इश्क का तुझे ज्ञान नहीं
कहाँ तू खड़ा है तुझे ध्यान नहीं
इश्क छोड़ दे बैठ कर खा यह सेब
9.
तेरी मुहब्बत ने मुझे जिन्दगी दी है।
जिन्दगी मेरी बड़ी खूबसूरत की है॥
होश संभाले हुए बढ़ रहा था आगे
जिन्दगी क्या है तड़ रहा था जागे
बड़ी मदमस्त मुझे तूने बेखुदी दी है।
मुझे मालूम न था जिन्दगी क्या है
मिल कर तुझसे आज पता चला है
जो कभी नहीं मिली तूने ख़ुशी दी है।
मेरे हर सवाल का जवाब मिला है
क्या कहूँ पा के दिल यह खिला है
धूप सी जिन्दगी में तूने चाँदनी दी है।
10.
जय अम्बे जगदम्बे, कर दो हम सब का उद्धार।
हम सब आये तेरे द्वार, हम सब आये तेरे द्वार।
जय अम्बे जगदम्बे, कर दो हम सब का उद्धार।
अपनी भक्ति के रस में हम को रसमय कर दो
जीवन सारा सफल हो जाये ऐसा कोई वर दो
हम याद रखेंगे उपकार, हम याद रखेंगे उपकार
जय अम्बे जगदम्बे, कर दो हम सब का उद्धार।
देख लिया जीवन जी के तुझको बिन याद किये
पल भर भी सुख पाया नहीं है वाद-विवाद किये
खुद में उलझे रहे बेकार, खुद में उलझे रहे बेकार
जय अम्बे जगदम्बे, कर दो हम सब का उद्धार।
इस जीवन का मतलब क्या हम जान नहीं पाए
अपने हित में ही डूबे रहे हम परहित न कर पाए
पाया न जीवन आधार, पाया न जीवन आधार।
जय अम्बे जगदम्बे, कर दो हम सब का उद्धार।
बड़ी-बड़ी आशाएँ लेकर हम तेरी शरण में आये
तेरी शरण में रहने वालों के देखे चेहरे मुसकाये
मैया अनुपम तेरा प्यार,मैया अनुपम तेरा प्यार।
जय अम्बे जगदम्बे, कर दो हम सब का उद्धार।
11.
अंजानो से कभी दिल न लगाना
हो सके तो प्यारे खुदको बचाना
पता नहीं कब क्या हो जाये
क्या हो जाये अपना ठिकाना
पहले पहले तो ये पास में आयें
पास आके अपना खास बनायें
खास बना के फिर डालें ये दाना
हो सके तो प्यारे खुदको बचाना
झूठी कसमें ये खायें खिलाएँ
जाने क्या क्या ख्वाब दिखाएँ
इनकी बातों में कभी नहीं आना
हो सके तो प्यारे खुदको बचाना
मतलब में बड़े ये शातिर होते
बातों में भी बड़े माहिर होते
होता काम इनका अपना बनाना
हो सके तो प्यारे खुदको बचाना
12.
अन्ना हजारे झुकना नहीं,देश तुम्हारे साथ खड़ा।
टेकना अपने घुटना नहीं,देश तुम्हारे साथ खड़ा॥
नेताओं की चालों में आकर, लिपट नहीं जाना
मांगे मनवाये बिना ही खुद में सिमट नहीं जाना
मीठी बातों में घुलना नहीं, देश तुम्हारे साथ खड़ा।
भ्रष्ट नेताओं ने सारा ही, देश बेच कर खा लिया
कहते बने न कुछ भी,एक ऐसे मोड़ पर ला दिया
दूर रहना इनसे जुड़ना नहीं,देश तुम्हारे साथ खड़ा।
आपको बरगलाने की बहुत, कोशिश की जाएगी
तुम्ही कहो बिना तुम्हारे ये,जनता कैसे जी पायेगी
बिल्कुल हिलना डुलना नहीं,देश तुम्हारे साथ खड़ा।
करोड़ों लोगों में ईश्वर ने, तुम को इसके लिए चुना
तुम्हारी आवाज पर ये,जनसैलाब उमड़ा कई गुना
इनके तराजू में तुलना नहीं, देश तुम्हारे साथ खड़ा।
तुम्हारे इरादों के आगे,सरकार जरूर जान जाएगी
जैसा चाहते हो तुम वैसे, बात आपकी मान जाएगी
आगे बढ़ना अब रुकना नहीं,देश तुम्हारे साथ खड़ा।
13.
जब भी किसी से बोलो, बोलो प्यार की बोली।
प्यार की बोली ही प्यारी, समझो मेंरे हमजोली॥
मिल जुल कर जीना ही होता है जीवन जीना
रंग से रंग गर न मिलें बताओ कैसी वो होली॥
नफरत से नफरत मुहब्बत से मुहब्बत ही फैले
टेड़ों को दुनियाँ टेड़ी लगे भोलों को लगे भोली॥
मेल जहाँ भी होता है स्वर्ग वहाँ पर ही होता है
जो भी जिएँ खुशी से भरे खुशी से उनकी झोली॥
बोल जिनके होते लुभाने सब होते उनके दीवाने
ऐसा तो वही करें जिसने बोली तोली फिर बोली॥
14.
यह दुनियाँ भगवान की है,भगवान ही इसे चलाता है
प्यार वो अपना हम पर दिन-रात ही लुटाता है
यह दुनियाँ भगवान की है...
उसने हम पर अपना, बड़ा ही करम किया है
देकर हमको मात-पिता जग में जनम दिया है
वो ही सब कुछ जाने वो ही भाग्य विधाता है।
यह दुनियाँ भगवान की है...
छोड़ दिए सुख दुःख उसने हम सबके ही आगे
दोनों पड़े हैं पीछे हमारे हम फिरते हैं भागे-भागे
क्या पाना क्या खोना है वो ही सबका ज्ञाता है।
यह दुनियाँ भगवान की है…
उसकी शरण सुखदायी सुख की अनुभूति कराये
बाकी सब दुखदायी यहाँ कुछ भी समझ न आये
उसका हमसे हमारा उससे जन्मों का यह नाता है।
यह दुनियाँ भगवान की है…
-प्रेम फर्रुखाबादी
बुधवार, 8 जनवरी 2020
मेरी ग़ज़ल भाग 2
मतलब में ही बस पीछे भागे वैसे भागे दूर
सच पूंछो तो ऐसा दीवाना ठीक नहीं होता।