1.
एक राधा एक मीरा...
स्वरचित अंतरा
अपनी अपनी धुनि में डूबी
दोनों ही बेसुध होकर
मन मोहन की शरण गयी वो
खुद ही खुद में खोकर
एक तन से, एक मन से
पाया दोनों ने जतन से
अंतर क्या दोनों की लगन में बोलो
एक सजन रिझानी
एक भजन रिझानी
एक भजन रिझानी
एक राधा एक मीरा...
- प्रेम फर्रुखाबादी
2.
स्वरचित अन्तरा
तुम अगर साथ देने का ...
तुम रहो प्यार से हम रहें प्यार से
प्यार से हम बचें वक्त की मार से
तुम मुझे प्यार में यूँ डुबोती रहो
मैं तुम्हें प्यार में यूँ डुबाता रहूँ
-प्रेम फर्रुखाबादी
4.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म -समझौता
समझौता ग़मों से कर लो ...
हार मिलेगी,जीत मिलेगी
कभी नफ़रत तो,कभी प्रीत मिलेगी
अलग-अलग है लोग यहाँ
अलग ही, रीत मिलेगी -२
समझौता ग़मों से कर लो
जिंदगी में गम भी मिलते हैं.
-प्रेम फ़र्रुखाबादी
5.
स्वरचित अन्तरा -
फिल्म -समझौता
बड़ी दूर से आये हैं...
नफ़रत से नफरत को भगा न सका कोई
इस सच को झूठ यहा बता न सका कोई
हम प्यार से-३ प्यार जगाये हैं...
प्यार का तोहफा लाये हैं
-प्रेम फ़र्रुखाबादी
6,
फिल्म - कोरा कागज
स्वरचित अन्तरा
मेरा जीवन कोर कागज ....
जाएँ तो जाएँ कहाँ, सूझे न राह कोई
न यहाँ की न वहाँ की, मुझे न चाह कोई
कहने को जिन्दा हूँ लेकिन मर के रह गया।
मेरा जीवन कोर कागज ही रह गया...
- प्रेम फ़र्रुखाबादी
7.
फिल्म - कोरा कागज
स्वरचित अन्तरा
मेरा पढ़ने में नहि लागे दिल ....
जाने क्यों कोई मुझे भाने लगा है
सपनो में भी रोज आने लगा है
चाहे दिन हो या रैना
छीन लिया दिल का चैना
कोई ये तो बतादे मुझे वो
तो नहीं हो गया मुझे वो
-प्रेम फ़र्रुखाबादी
8.
स्वरचित अन्तरा
ओ फिरकी वाली तू…
चाह में तेरी मैं तो पागल हुआ हूँ -२
देख ले तू देख ले
फिर भी नहीं मैं तुझको छुआ हूँ
देख ले तू देख ले
लाखों में तू-२ एक अनोखी
दिल को भाये, तेरी शोखी
कोई झूठ न बोलूं
मैं सच ही बोलूँ कसम ईमान से।
कि तेरे नैना हैं ...
- प्रेम फ़र्रुखाबादी
9.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म - बैराग
पीते पीते कभी-कभी…
दौलत का ऐसा नशा,सिर पे चढ़ के बोलता
जिसपे भी चढ़ जाये,पागल बन के डोलता
कोई झूठ नहीं कहता हूँ मैं
बिल्कुल सच कहता हूँ मैं
दौलत की शान ऐसी,
परसा से बदले परसी
परसी से परशुराम बदल जाते हैं।
पीते पीते ..
- प्रेम फ़र्रुखाबादी
10.
स्वरचित अंतरा -
फिल्म अब्दुल्ला
मैंने पूछा चाँद से …
पूंछ लिया मैंने हर किसी से
तेरे सिवा नहीं कोई जमीं पे
तू नहीं तो नरक है यहाँ पर
तू जो है तो स्वर्ग है यहीं पे
मैं ने पूंछा लोगों से
कि देखा है कहीं
कोई ऐसा महजवीं
लोग कहें जिंदगी की कसम
नहीं, नहीं, नहीं
मैं ने पूछा चाँद से …
- प्रेम फ़र्रुखाबादी
11.
फिल्म - आप की कसम
करवटें बदलते रहे ...
भूल जाएँ हम तुम्हें यह हो नहीं सकता कभी
दिल मेरा किसी और में खो नहीं सकता कभी
बोझ तेरी दूरियों का और ढो नहीं सकता कभी
देख कर तुझको पड़े दम में मेरी दम,
आप की क़सम ...
-प्रेम फ़र्रुखाबादी
12.फिल्म -डोली
डोली चढ़के दुल्हन ..
लाज दोनों कुलों की निभाएगी ये
प्यार से अपना सबको बनाएगी ये
जीत लेगी दिलों को ये ससुराल में
साथ सुख दुःख के जीवन बिताएंगी ये
-प्रेम फ़र्रुखाबादी
13.
स्वरचित अन्तरा
ल : पास नहीं आना भूल नहीं जाना
तुमको सौगंध है कि आज मोहब्बत बंद है
पास नहीं आना ...
जब भी मुझे तू दिख जाती है
नीयत मेरी डिग जाती है
सच पूंछो आज मेरा हौसला बुलंद है।
अपने पहलू में खो जाने दे
जो भी होता है हो जाने दे
कैसे कहूँ ऐसी आये तुझमें सुगंध है।
मगर आज मुहब्बत बंद है। …
- प्रेम फ़र्रुखाबादी
14.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म -आपकी कसम
ज़िंदगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम
वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते
कौन अपना है, जग सपना है
कौन अपना है, जग सपना है सुनो
भरमाता ही रहता है सारी उमर
जान कर भी कोई जान पाता नहीं
किसको अपना कहें किसको गैर कहें
मान कर भी कोई मान पाता नहीं
इस तरह जी के, चले जाते है, जो अपने धाम
-प्रेम फ़र्रुखाबादी
वो फिर फिर आते, वो फिर फिर आते
ज़िन्दगी के सफ़र में …
15.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म -मेरे जीवनसाथी
कहना जो चाहूँ कैसे कहें वो,
सोच नहीं पाता हूँ मैं
किसी तरह से भी खुदको,
रोक नहीं पाता हूँ मैं
बढ़ रही साँसें,
कह रही आँखें
मान जाओ न मुझको मना कीजिये।
-प्रेम फ़र्रुखाबादी
ओ मेरे दिल के चैन
चैन आये मेरे दिल को दुआ कीजिए।
16.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म-मिलन
सावन का महीना, पवन करे शोर ..
तेरी मेरी जोड़ी, जग से न्यारी है
जो भी देखे वो ही बोले, सबसे प्यारी है.
मैं जानू ये, तू भी जाने,
पहली नजर में, हुए हम दीवाने
दीवानेपन की हद हमने, तोड़ डारी है.
जो भी देखे वो ही बोले, सबसे प्यारी है
तेरी मेरी जोड़ी, जग से न्यारी है।
देखो ये दुनियां जबसे रची है
मैं तुझमें तू मुझमें बसी है
एक दूजे ने एक दूजे की उमर गुजारी है
जो भी देखे वो ही बोले, सबसे प्यारी है
तेरी मेरी जोड़ी, जग से न्यारी है।
-प्रेम फ़र्रुखाबादी
17.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म -तीसरी कसम
पान खाय सैयां हमारो...
दूर-दूर वो मुझसे भागे
बोलूँ तो भी कुछ बोले न
सब कुछ मैंने करके देखा
भेद कोई भी वो खोले न
पान खाय सैयां हमारो...
उसके आगे एक चले न
जब देखो तब अपनी चलाये
न ही मेरे पास ही आता
न ही अपने पास बुलाये
पान खाय सैयां हमारो...
- प्रेम फ़र्रुखाबादी
18.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म -काली चरण
जा रे जा ओ हरजाई…
हम तुम दोनों मिल जाते तो,
मिलती ख़ुशियां सारी
होते पूरे सपने हमारे,
मैं हो गयी तेरी दीवानी
होता तू भी दीवाना,
दिल मेरा तुझको पुकारे
तू न माना साजन,
दे दी मुझको घुटन
हो, कर ले यकीं मैं खाऊं कसम तुम्हारी।
- प्रेम फ़र्रुखाबादी
19.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म - लोफर
मैं तेरे इश्क़ में मर न जाऊँ कहीं...
तेरी चाहत में पागल मैं हो गयी -२
तन - मन से घायल मैं हो गयी
आ ज़रा, पास आ, दूर मुझसे न जा
मैं तेरी हुई हूँ जी जान से
अब मुझे तू सताने की कोशिश न कर.
मैं तेरे इश्क़ में मर न जाऊँ कही
- प्रेम फ़र्रुखाबादी
20.
स्वरचित अन्तरा
मतलब निकल गया है तो, पहचानते नहीं
यूँ जा रहे हैं जैसे हमें, जानते नहीं
तेरे सिवा न कोई है, मेरा जहान में
आती है तुझको देख के जां ,मेरी जान में
यूँ ही किसी पे दिल हम उछालते नहीं।
- प्रेम फ़र्रुखाबादी
21.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म - नाटक
जिंदगी एक नाटक है ...
कभी कभी हम ख़ुशी को मनाते
और कभी हम दुखी हो जाते
क्या कहें कैसा, ये जहाँ ऐसा
कभी दाम बिन दाम करते हैँ
- प्रेम फ़र्रुखाबादी
22.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म -नगीना
मैं तेरी दुश्मन दुश्मन तू मेरा ...
इस घर से क्या मेरा रिश्ता ,
तू क्या जाने क्या है किस्सा
इस घर में है मेरा साथी ,
साथी है वो जीवन साथ
जा, चला जा, ना डाल डेरा।
- प्रेम फ़र्रुखाबादी
23.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म - शोर
हमने तुम्हें देखा है, तुमने हमें देखा है
कौन कहे किससे दिल किसने फेंका है
जिसने भी फेंका है शुरुआत सुहानी है।
हम तुम दोनों ही अब दूर न रह पाएं
दूरी को देर तलक मजबूर न सह पाएं
तुमने ये मान लिया हमने ये मानी है।
हम तेरे सपनों को साकार बनाएंगे
अपने इस जीवन को आधार बनाएंगे
तेरे सपनों की खातिर कीमत ये चुकानी है।
जिंदगी और कुछ भी नहीं तेरी मेरी कहानी है।
-प्रेम फ़र्रुखाबादी
24.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म -शालीमार
तुमने भी जिद की
हमने भी जिद की
हमने जो सपने कभी देखे थे मिल के
सपने वो अपने सब चूर हुए
तुमने भी जिद की,
हमने भी जिद की
जिद में ही हम तुम दूर हुए
मिल के रहें सारी उमर
हम यह दुआ कर न सके।
हमने भी चाहा
तुमने भी चाहा
पर एक अपनी चाह न थी
हम भी चले थे,
तुम भी चले थे
पर एक अपनी राह न थी
दिल से दीवाने हो के भी हम
दिल में जगह कर न सके। l
-प्रेम फ़र्रुखाबादी
25.
स्वरचित अन्तरा
रोटी कपड़ा और मकान
अरे हाय हाय ये मजबूरी ...
सोच में डूबी सोच रही हूँ
कैसी यह किस्मत पायी
दिन का मेरा चैन गया
और रात की नींद उड़ाई
समझ समझ कर समझ रही हूँ
कुछ भी समझ न आये
- प्रेम फ़र्रुखाबादी
26.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म- बैराग-
छोटी सी उमर में लग गया रोग...
हो
हो
जिसने प्यार किया ही नहीं हो
वो क्या समझे प्यार -२
प्यार बिना ये जीवन जीना
बिल्कुल है बेकार
नैनों से नैन मिले ऐसे
मस्ती सी छायी है जैसे
प्यार का नशा -२
कुछ ऐसा चढ़ा
कि मैं तर जाऊँगी
-प्रेम फ़र्रुखाबादी
हो मैं मर जाऊँगी
27.
स्वरचित अन्तरा
फ़िल्म - अनुराग
र : ओ तेरे नैनों के मैं दीप जलाऊँगा
अपनी आँखों से दुनिया दिखलाऊँगा
तेरे नैनों के ...
लड़का-
प्यार बिना यह जग सूना है ,कह गए लोग पुराने
प्यार की भाषा को तो,केवल पागल प्रेमी ही जाने
लड़की- अच्छा
लड़का- हाँ
लड़की- वो क्या है
लड़का- एक रस्ता है
लड़की - रस्ते पे
लड़का - दो प्रेमी हैं
लड़की- ये प्रेमी कैसे होते हैं
लड़का - तेरे- मेरे जैसे होते हैं
लड़की- वो क्या है
लड़का- एक रस्ता है
(स्वरचित -प्रेम फ़र्रुखाबादी )
28.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म -मजबूर
आदमी जो कहता है...
पहली नज़र का प्यार ही प्यार होता है
याद आये तो यह दिल बेक़रार होता है
भुलाने से नहीं भूलें,उसकी यादें
झूठ नहीं कहता हूँ
बिल्कुल सच कहता हूँ
उसकी मस्त अदाएं पीछा करती हैं
-प्रेम फर्रुखाबादी
29..
स्वरचित अन्तरा
फिल्म : अजनबी
कि : हम दोनों दो प्रेमी दुनिया छोड़ चले
जीवन की हम सारी रस्में तोड़ चले
ल : किस्मत ने मिलाया, हमें और तुम्हें, मेरी जां
कि : निभाएंगे हम प्यार को,देकर ये अपनी जां
ल : वो दिन न आये कभी
कि : यूँ चलती रहे जिन्दगी
-प्रेम फर्रुखाबादी
हम दोनों दो प्रेमी ...
30.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म आपकी कसम
जय जय शिव शंकर
काँटा लगे न कंकर...
मैंने पी, तूने पी, सबने ही,जमके पी
ऐसे ही, पिए जो, जिए वो, जिन्दगी
मस्ती में, हम हो गये हैं, बड़े महरबां। हो
- प्रेम फर्रुखाबादी
सो रब दी!
जय जय शिव शंकर ...
31.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म -अलग अलग
कभी बेकसी ने मारा कभी बेखुदी ने मारा
गिला मौत से नहीं है मुझे जिन्दगी ने मारा
दिल तो दिल है, दिल की कहें क्या
कुछ कहें तो भला, कुछ कहें क्या
कहीं नाजनीं के मेले
तो कहीं सादगी के रेले
कभी नाजनीं ने लूटा कभी सादगी ने मारा।
-प्रेम फर्रुखाबादी
32.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म -अमर प्रेम
स्वरचित फिल्मी अंतरा
जब तक जीवन,तब तक
कोई, सपना देखते रहना,
सपना ही,इस जीवन का
बस होता है,एक गहना,
वक्त आने पर ही,सपने फलते हैं।
दिए जलते हैं ..… फूल खिलते हैं।
33.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म -अमर प्रेम
स्वरचित फिल्मी अंतरा
अब कौन,मुझको संभाले
ऊपर वाले,तू ही उठा ले
दिन-रात रोना था, प्यार मुझे होना था,
हुआ…ये क्या हुआ …
34.
स्वरचित
फिल्मी अंतरा
जब चाहे दिल,तब तुम,प्यार कर लेना
अपनी बाहों में उसे तुम,यार भर लेना
याद रहे फिर प्यार को,निभाना होता है
प्यार दीवाना होता है …
35.
स्वरचित फिल्मी अंतरा
जन्म दिया और पाला है मुझको
भूल गयी तू खुदको
ऐसे,संभाला है मुझको
तू एक देवी है,तू एक सेवी है
तू दुखहारी है.ओ माँ...ओ माँ..
ओ माँ.ओ माँ. ओ माँ.ओ माँ..
36.
स्वरचित अन्तरा
फिल्म -अगर तुम न होते
मुझे प्यार तुझसे, ऐसा मिला है
कि अब जिंदगी से,कैसा गिला है
सचमुच ही मेरे,उड़ जाते तोते।
अगर तुम न होते,
अगर तुम न होते
37.
स्वरचित फिल्मी अंतरा
जैसे मैं तरसूँ वैसे कोई न तरसे
फिर भी बेदर्दी का प्यार न बरसे
ऐसे फूटे न हाय राम …
ऐसे फूटे न भाग जैसे, मेरे फूटे
रूठे सैंया, हमारे सैयां क्यों रूठे
38.
स्वरचित फिल्मी अंतरा
मान लिया,मैंने तुझे,तू है,मेरा दीवाना
ये तो बता,और कोई है क्या,तेरा ठिकाना
और भी, है कोई तो पास में,मत आना।
ये…….मेरा दिल प्यार का दीवाना
39.
स्वरचित अंतरा
हो..तू मेरे सपनों का राजा
कैसे तुम्हें बताएं हो-2
कैसे तुम्हें बताएं
तू ही बताये बिन तेरे
मन कैसे समझाएं-2
मन कैसे समझाएं
जिया बेकरार है …..
-प्रेम फर्रुखाबादी
40.
स्वरचित अंतरा
आपकी नजरों ने समझा….
क्या कहें... कैसे कहें...
हाल जो... मेरा हुआ
जाने ऐसे...क्यों लगे,
कोई आकर के छुआ
होश मेरा ले लिया यूँ
कर दिया गाफिल मुझे।
आपकी नजरों ने समझा….
41.
स्वरचित अंतरा
हवा के साथ साथ…
हाय तेरा ये अंदाज
बड़ा ही निराला है
देख तुम्हें दिल मेरा
हुआ मतवाला है
हो सचमुच ही तुमने
मुझे कर डाला है
दिल से पागल ...
ओ साथी चल …
तेरी मेरी मुहब्बत का
यही हंसीं राज है।
कल की तरह साथ
हम दोनों आज है॥
-प्रेम फर्रुखाबादी
42.
स्वरचित अंतरा
जो भी गया उलझ गया प्यार के झमेले में
वो ही जिया जो भी जिया जिंदगी अकेले में
है बस यही मेरा सब को पयाम…
महबूब का जो बस लेते हुए नाम …
-प्रेम फर्रुखाबादी
43.
स्वरचित अंतरा
समझ समझ कर समझ न पाऊं
मुझे कैसे सुकून मिलेगा
हाय जाने वो दिन कब आएगा
मेंरे दिल का फूल खिलेगा
सुबह-शाम मैंने हाथ मले हैं जितना
कौन मलेगा इतना कौन मलेगा इतना
44.
स्वरचित अंतरा
प्यार है तो प्यारे,जीवन, है यहाँ पर
मिल जाये जहाँ भी,जन्नत है वहाँ पर-2
सोच में पड़ा है क्यों प्यार दे प्यार ले
खिलते हैं गुल यहाँ …
-प्रेम फर्रुखाबादी
45.फिल्म- पराया धन
स्वरचित अंतरा
आज उनसे पहली मुलाकात होगी ....
इक दूजे के हम दोनों हो जायेंगे,
इक दूजे में हम दोनों खो जायेंगे
दोनों तरफ प्यार ही प्यार होगा
दोनों से दोनों की ही मात होगी।
फिर होगा क्या ...
46.
स्वरचित अंतरा
खिजां के फूल पे ...
मैं देखता हूँ जिसे वो देखता ही नहीं
अपना दिल मेरी तरफ को फेंकता ही नहीं
जितना मैं हूँ उतना वो बेकरार नहीं
मेरे नसीब में ...
47.
स्वरचित अंतरा
मस्ती है मेरी उससे , मस्ती है उसकी मुझसे
समझता नहीं वो मुझको समझा रहा हूँ कबसे
छोड़े गिले वो शिकवे मेरी हाँ में हाँ मिला दे ।
मेरा कसूर क्या है ....
48.
मेंरे महबूब कयामत होगी…
काश अगर हम मिल जाते,
मिलते ही हम खिल जाते
देख हमें सब हिल जाते,
है यह बात सही तेरा,तेरा साथ हसीं
तू माने या न माने
तेरे दर पे ही बगावत होगी
आज रुसवा …...
-प्रेम फर्रुखाबादी
49.
सुनते हैं सब अपने होकर
कहते हैं जब उनसे रोकर
पर कोई किसी के काम न आये।
दिल की बात कहीं लब पे न आ जाये
जिओ और जीने दो यारो
ऐसे ही जीवन को गुजारो
है कौन यहाँ जो दुःख न उठाये।
दिल की बात कहीं लब पे न आ जाये
-प्रेम फर्रुखाबादी
50.
मिलती है जिंदगी में मुहब्बत ..
1
साथी बिना यह जिंदगी काटे नहीं कटे-2
होती है जिंदगी से शिकायत कभी-कभी।
2
खतरे ही खतरे हर तरफ फैले हुए यहाँ-2
चाहती है जिंदगी ये हिफाजत कभी-कभी।
3
करते हैं जो ज्यादिती कब तक बचें यहाँ-2
मिलती है पुलिस की हिरासत कभी-कभी।
4
होशो-हवाश में रहो बेहोशी को छोड़ कर-2
जाना ही पड़े उनको अदालत कभी-कभी।
-प्रेम फर्रुखाबादी
51.
फिल्म - देवदास old
जिसे तू कबूल करले….
तन कहीं तो मन कहीं है,तेरा हाल देख कर ये
मैने दे दिया है दिल को तेरी ओर फेंक कर के
जो बहलाये तेरे दिल को वो छटा कहाँ से लाऊँ।
जिसे तू कबूल करले….
52.
(पहले तो सपना दिखाया था
फिर साथी मुझे अपना बनाया था)-2
मुझे साथी बना के निचोड़ा।
अमानुष बना के छोड़ा…
53.
फिल्म बातों बातों में
रूठना मनाना भी एक जिंदगी है यार
ऐसी जिंदगी पर तन- मन है निसार
मिलके रहो खिलके रहो
जो भी कहो खुलके कहो
मस्त रहो जबरदस्त रहो
यूँ ही दिल से दिल बहलाया करो।
कभी खुशी कभी गम ता रा रम पम
54
फिल्म - डॉन
छोरा गंगा किनारे वाला …
अरे मस्ती में डोले...सबको ही मस्त बनाये
हाय, हाय, हाय
सच जीवन का बोले...सबको ही सच बताये
हाय, हाय
नहीं किसी से कम है, रखता बड़ा ही दम है
अपना नहीं है कोई,फ़िर भी नहीं कोई गम है
जहाँ जाये रे ...जहाँ जाये रे करे कमाल
छोरा गंगा किनारे वाला …
55.
फिल्म -सूरज
स्वरचित अंतरा
तेरी प्यारी प्यारी सूरत को …..
तारीफ तेरी क्यों की तुमसे
सोचो जरा अपने दिल से
प्यार मेरा स्वीकार करो तो
साथ रहेंगे हम मिल के
दीवाना हुआ हूँ मैं दिल से
कहीं दिल की नजर न लगे
चश्में बद्दूर...
तेरी प्यारी प्यारी सूरत को …..
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