तुमसे मेरी आँखें क्या चार हो गयीं।
खुशियाँ जीवन में बेशुमार हो गयीं।
मिलते मिलते आखिर मिल ही गये
जिन्दगीं दोनों की मजेदार हो गयीं।
धरी रह गयीं चालें सारी ज़माने की
कोशिशें अपनी सफल यार हो गयीं।
मुहब्बत से जियेंगे सदा खुश रहेंगे
तेरी बाहें मेरे गले की हार हो गयीं।
मिलते मिलते आखिर मिल ही गये
जवाब देंहटाएंजिन्दगीं दोनों की मजेदार हो गयीं।
बहुत खूब। सुन्दर लगी पंक्तियाँ ।
क्या कहूँ आपकी सभी रचनाएँ सुन्दर होती हैं
जवाब देंहटाएं----
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मिलते मिलते आखिर मिल ही गये
जवाब देंहटाएंजिन्दगीं दोनों की मजेदार हो गयीं
क्या बात है प्रेम जी ... बहुत खूब ...
मुहब्बत से जियेंगे सदा खुश रहेंगे
जवाब देंहटाएंतेरी बाहें मेरे गले की हार हो गयीं।
बहुत खूब सुन्दर पंक्तियाँ
prem bhai
जवाब देंहटाएंsundar rachna badhaiiiiiiiiiiiiiii
सिंपल येट इफ्फेक्टिव!
जवाब देंहटाएंबाऊ जी,
आप ने बहुत कुछ याद दिलाया!
कुरेदने के लिए धन्यवाद!